Punjab: कांग्रेस में बिगड़ रहे हालात, कैप्टन के खिलाफ मोर्चा तेज- सीएम अमरिंदर कर सकते हैं पैनल से मुलाकात
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Photo Credits: PTI)

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh)  के खिलाफ पार्टी में उठापटक जारी है. पंजाब कांग्रेस में चल रहे इस आतंरिक कलह को शांत करने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का पैनल लगातार राज्य के नेताओं से मुलाकात कर रहा है. इस सियासी हलचल को लेकर दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी में अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल से मिलने की उम्मीद है. Amritsar में नवजोत सिंह सिद्धू के लापता होने के लगे पोस्टर, ढूंढने वाले को मिलेगा ₹50,000 का इनाम.

मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) की अगुवाई वाले इस पैनल में कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) और पार्टी के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल (Jai Parkash Aggarwal) भी शामिल हैं. यह पैनल लगातार कांग्रेस की प्रदेश इकाई में जारी उठापठक को शांत करने की कोशिश में जुटा है.

इससे पहले बुधवार को कांग्रेस की पंजाब यूनिट में चल रही कलह को दूर करने के मकसद से गठित पैनल ने राज्य के कई सांसदों और पूर्व प्रदेश अध्यक्षों से मुलाकात कर उनकी राय ली. इस समिति के समक्ष पेश होकर राज्य के करीब 80 कांग्रेस नेता अपनी बात रख चुके हैं. इनमें से अधिकतर विधायक हैं.

बता दें, हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है. विधायक परगट सिंह सहित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.

वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह पर सिद्धू ने कई आरोप लगाए. उन्होंने कैप्टन पर गुरुग्रंथ साहिब बेअदबी और पुलिस फायरिंग केस में बादल परिवार को बचाने का आरोप लगाया. इसके साथ ही उन्होंने सीएम पर कोटकापुरा फायरिंग केस की जांच को उलझाने का आरोप भी लगाया.

सिद्धू ने यहां तक आरोप लगाया है कि कैप्टन असली दोषियों को बचाना चाहते थे और शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर काम कर रहे थे. हालांकि, अमरिंदर सिंह ने आरोपों से इनकार किया है और नवजोत सिंह सिद्धू को खुले तौर पर चुनौती दी है, जिसमें पार्टी की अनुशासनहीनता में शामिल होने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.

कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व एक ओर सिद्धू को आगे करना चाहती है तो वहीं सीएम अमरिंदर के साथ सिद्धू का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. अब देखना यह होगा कि पंजाब कांग्रेस का यह कलह कहां जाकर थमता है.