प्रियंका गांधी का धरना खत्म: नागरिकता कानून को बताया तानाशाही, PM मोदी से हिंसा पर मांगा जवाब

नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार शाम इंडिया गेट पर धरना दिया. प्रियंका गांधी ने धरना खत्म करने के बाद मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और नागरिकता कानून को असंवैधानिक करार दे दिया.

पीएम मोदी और प्रियंका गांधी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: नए नागरिकता कानून (Citizenship Act) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने सोमवार शाम इंडिया गेट पर धरना दिया. प्रियंका गांधी ने धरना खत्म करने के बाद मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और नागरिकता कानून को असंवैधानिक करार दे दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून का विरोध कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ कांग्रेस खड़ी है.

धरना खत्म करने के बाद प्रियंका गांधी ने जामिया में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा केंद्र ने संविधान को झटका दिया है. युवा राष्ट्र की आत्मा है और राष्ट्र की आत्मा पर हमला किया गया. विरोध करना उनका अधिकार है. उनकी पिटाई करना अत्याचार है. हर कांग्रेसी इस अत्याचार के खिलाफ लड़ेगा और छात्रों के साथ खड़ा होगा.

कांग्रेस महासचिव ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में दिल्ली पुलिस के बिना इजाजत प्रवेश कर कर्रवाई करने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा. प्रियंका ने पूछा, "पूरे मामले में प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों हैं?" उन्होंने कहा सरकार गलत कर रही है. नागरिकता कानून संविधान के खिलाफ है. देश में तानाशाही नहीं चलेगी. नागरिकता कानून को लेकर क्या आपके मन में भी है ये पांच डर, पढ़े और अभी दूर करें

गौरतलब है कि जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पुलिस द्वारा छात्रों पर की गई कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ केसी वेणुगोपाल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, रणदीप सिंह सुरजेवाला, पीएल पुनिया, अहमद पटेल, अंबिका सोनी और अन्य कांग्रेसी नेताओं ने इंडिया गेट पर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करते हुए धरना दिया. इसमें सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता भी थे. यह धरना दो घंटे का चला.

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