एक्शन में प्रियंका गांधी: अमेठी-रायबरेली नहीं बल्कि इन 3 सीटों में से एक पर चुनाव लड़ सकती है कांग्रेस महासचिव, सपा-बसपा का भी मिल सकता है साथ
प्रियंका के पास अपनी परवारिक सीट अमेठी और रायबरेली से चनाव लड़ने का आप्शन है, मगर उनके मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस जिस प्रकार से आक्रामक हुई है उसे देखकर ऐसा लगता है कि प्रियंका गांधी पीएम मोदी और सीएम योगी को सीधे टक्कर देगी
लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) से पहले कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने सोमवार को राजनीति में धमाकेदार एंट्री की. लखनऊ में उन्होंने अपने भाई और कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ एक रोड शो किया जिसे अच्छा प्रतिसाद मिला. उनके पद संभालने से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ गया है. सियासी पंडितों की मानें तो लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी को संजीवनी मिल गई है. प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है और वो लगातार कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात कर उनकी राय भी जान रही हैं.
इस बीच प्रियंका गांधी किस सीट से चुनाव लड़ेगी इसको लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं. प्रियंका के पास अपनी परवारिक सीट अमेठी और रायबरेली से चनाव लड़ने का आप्शन है, मगर उनके मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस जिस प्रकार से आक्रामक हुई है उसे देखकर लगता है कि प्रियंका गांधी पीएम मोदी और सीएम योगी को सीधे टक्कर देगी. ऐसे में वह इन तीन सीटों से चुनाव लड़ सकती हैं.
वाराणसी:
प्रियंका वाराणसी से चुनाव लड़ सीधे पीएम मोदी को टक्कर दे सकती है. उनके ऐसा करने से ये मैसेज जाएगा की कांग्रेस पीएम मोदी और बीजेपी को आसानी से जीतने नहीं देगी. पूर्वांचल का केंद्र माने जाने वाली वाराणसी लोकसभा सीट देश की सबसे अहम सीटों में से एक है. कांग्रेस पार्टी अगर उन्हें वाराणसी प्रत्याशी बनती हैं तो वे सपा-बसपा से बातचीत कर वाराणसी से उम्मीदवार नहीं उतारने का अनुरोध कर सकती हैं. अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर होगी. मुकाबला दिलचस्प भी होगा. हालांकि, पीएम मोदी का पलड़ा भरी ही रहेगा.
गोरखपुर:
गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ है. वे यहां से कई बार सांसद रह चुके हैं. हालांकि, पिछले साल हुए उपचुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. प्रियंका गांधी अगर यहां से चुनाव लड़ती हैं तो वह सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश में बीजेपी को उनके ही गढ़ में टक्कर देंगी. सपा-बसपा और निषाद पार्टी से तालमेल कर वो यहां से जीत भी सकती हैं.
इलाहाबाद-फूलपुर:
कांग्रेस पार्टी इलाहाबाद या फूलपुर से भी प्रियंका को चुनावी मैदान में उतार सकती हैं. इलाहाबाद में महिलाओं और युवा वोटरों की संख्या ज्यादा है ऐसे में प्रियंका उन्हें आकर्षित कर सकती हैं. 2014 के चुनाव में ये सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी. इसके आलावा वो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पारंपरिक सीट फूलपुर से भी चुनाव लड़ सकती है. हाल ही में हुए उपचुनाव में यहां से सपा के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी.
बहरहाल, प्रियंका कई से भी चुनाव लड़े कांग्रेस उन्हें जीतने के लिए एडी-चोटी का दम लगा देगी.