कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर निशाना साधा और राज्यपाल बी.एस. कोश्यारी के जरिए राज्य में लोकतंत्र खत्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया. कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, "महाराष्ट्र के राज्यपाल (कोश्यारी) ने बहुत ही निंदनीय तरीके से काम किया. इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के इशारे पर काम किया."
सोनिया गांधी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री के तौर पर शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के शपथ लेने की घटना का संदर्भ दे रहीं थी. उन्होंने कहा कि भाजपा के चुनाव पूर्व गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने उसका घमंड और अति आत्मविश्वास के चलते साथ छोड़ दिया. उन्होंने कहा, "तीन-दलीय गठबंधन सरकार के गठन को विफल करने का हरसंभव प्रयास किया गया, लेकिन हमने सुप्रीम कोर्ट में अपील की और मोदी-शाह सरकार की पूरी तरह पोल खुल गई."
शिवसेना-कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को महाराष्ट्र में फडणवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के कोश्यारी के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि मंगलवार को राज्यपाल को बुधवार को 288 सदस्यीय सदन में बहुमत परीक्षण करवाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अजीत पवार और फडणवीस ने उसी दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे तीनों पार्टियों द्वारा सरकार गठन करने का मार्ग प्रशस्त हुआ.
सोनिया ने कहा कि तीनों पार्टियां भाजपा की अनैतिक तिकड़म को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. आर्थिक सुस्ती को लेकर भाजपा-नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा, "मोदी-शाह को यह पता नहीं है कि देश के सामने मौजूद इस गंभीर चुनौती से कैसे निपटा जाए. अर्थव्यवस्था की हालत दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है. वृद्धि दर घट रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है और निवेश नहीं हो रहा है."
उन्होंने कहा, "समस्याओं को संभालने के बदले, मोदी-शाह सरकार आंकड़ों की बाजीगरी करने या उसे वास्तव में प्रकाशित नहीं करने को लेकर व्यस्त है." उन्होंने आरसीईपी समझौते पर पार्टी के पक्ष की सराहना की, जिसपर भारत हस्ताक्षर करने वाला था.
उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के निर्णय पर टिप्पणी करते हुए कहा, "तीन माह पहले, लोकतंत्र को एकबार फिर नष्ट किया गया था, जब जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में नई शुरुआत के फर्जी वादे करके अनुच्छेद 370 को हटाया गया था. लेकिन जमीनी हकीकत मोदी-शाह द्वारा बनाई गई काल्पनिक छवियों से बिल्कुल अलग है."