NDA संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने बड़बोले सांसदों को दी नसीहत, कहा- 'छपास' और 'दिखास' के मोह से बचना चाहिए
पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को शनिवार को बीजेपी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) का नेता सर्वसम्मति से चुन लिया गया. संसद के केंद्रीय कक्ष में नवनिर्वाचित सांसदों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक में मोदी का चुनाव किया गया. इस दौरान एनडीए की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी (BJP) ने संसदीय दल के नेता के रूप में सर्वसम्मति से मुझे चुना और एनडीए के सभी दलों ने इसका समर्थन किया और इसके लिए मैं आभारी हूं. उन्होंने कहा कि सेंट्रल हॉल (Central Hall) की आज ये घटना असामान्य घटना है. हम आज नए भारत के हमारे संकल्प को एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाने के लिए एक नई यात्रा को यहां से आगे बढ़ाने वाले हैं. पीएम मोदी ने कहा कि देश की राजनीति (Politics) ने जो बदलाव आया है, आप सभी ने इसका नेतृत्व किया है. आप सभी अभिनंदन के आभारी हैं. लेकिन जो सदस्य पहली बार चुनकर आए हैं वे विशेष अभिनंदन के आभारी हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में तो चुनाव अपने आप में उत्सव था, मतदान भी अनेक रंगों से भरा था. लेकिन विजयोत्सव उससे भी अधिक शानदार था. देश के साथ विश्वभर के भारत प्रेमियों ने इस विजयोत्सव में हिस्सा लिया है. ये हमारे लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि ये चुनाव कितना बड़ा और व्यापक होता है इसकी व्यवस्थाएं कितनी होती हैं, ये विश्व के लिए बहुत बड़ा अजूबा है. इस काम को चुनाव आयोग ने, राज्यों के चुनाव आयोग ने, सरकारी मुलाजिम, सुरक्षा बल इन सब की एक कठोर परिश्रम का एक कालखंड होता है. उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र को हमें समझना होगा. भारत का मतदाता, भारत के नागरिक के नीर, क्षीर, विवेक को किसी मापदंड से मापा नहीं जा सकता है. हम कह सकते हैं सत्ता का रुतबा भारत के मतदाता को कभी प्रभावित नहीं करता है. सत्ताभाव भारत का मतदाता कभी स्वीकार नहीं करता है. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: सर्वसम्मति से NDA संसदीय दल के नेता चुने गए नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आम तौर पर कहा जाता है कि चुनाव बांट देता है, दूरियां पैदा करता है, दीवार बना देता है. लेकिन 2019 के चुनाव ने दीवारों को तोड़ने का काम किया है. इस चुनाव ने दिलों को जोड़ने काम किया है. ये चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया है. उन्होंने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक जीवन में, चुनावी परंपरा में देश की जनता ने एक नए युग का आरंभ किया है. हम सब उसके साक्षी हैं. 2014 से 2019 तक देश हमारे साथ चला है, कभी-कभी हमसे दो कदम आगे चला है, इस दौरान देश ने हमारे साथ भागीदारी की है. उन्होंने कहा कि विश्वास की डोर जब मजबूत होती है, तो प्रो-इंकंबेंसी वेव पैदा होती है, यह वेव विश्वास की डोर से बंधी हुई है. ये चुनाव पॉजिटिव वोट का चुनाव है. फिर से सरकार को लाना है, काम देना है, जिम्मेदारी देनी है. इस सकारात्मक सोच ने इतना बड़ा जनादेश दिया है.

पीएम मोदी ने कहा कि इस बार माताओं-बहनों ने कमाल कर दिया है. भारत की आजादी के बाद पार्लियामेंट में इतनी बड़ी तादात में महिला सांसद बैठने की ये पहली घटना होगी. ये अपने आप में बहुत बड़ा काम हमारी मातृ शक्ति द्वारा हुआ है. उन्होंने कहा कि ये देश परिश्रम की पूजा करता है. ये देश ईमान को सर पर बिठाता है. यही इस देश की पवित्रता है. उन्होंने कहा कि 2014 में बीजेपी को जितने वोट मिले और 2019 में जो वोट मिले, उनमें जो वृद्धि हुई है, यह वृद्धि करीब-करीब 25 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि एनडीए के पास दो महत्वपूर्ण चीजें हैं, जो हमारी अमानत है. एक है एनर्जी और दूसरा है सिनर्जी. ये एनर्जी और सिनर्जी एक ऐसा केमिकल है, जिसको लेकर हम सशक्त और सामर्थ्यवान हुए हैं. जिसको लेकर हमें आगे चलना है. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव नतीजे 2019: बीजेपी को यूपी और बिहार में गठबंधन से हुआ फायदा, 120 में से 102 सीटों पर जमाया कब्जा

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पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मोह हमें संकट में डालता है. इसलिए हमारे नए और पुराना साथी इन चीजों से बचें क्योंकि अब देश माफ नहीं करेगा. हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारियां है. हमें इन्हें निभाना है. वाणी से, बर्ताव से, आचार से, विचार से हमें अपने आपको बदलना होगा. उन्होंने कहा कि कुछ लोग बड़बोलेपन में कुछ भी बोल देते हैं। मीडिया के लोगों को भी पता होता है कि यह 6 नमूने है, उनके घर के पास पहुंच जाओ कुछ भी बोले. पीएम मोदी ने कहा कि मैं कहता हूं कि छपास (छपने का मोह) और दिखास (टीवी पर दिखने के मोह) से बचना चाहिए. इससे बचकर चलें तो खुद भी बचेंगे और दूसरों को भी बचाएंगे.