नयी दिल्ली, 19 मई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की छह दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए जहां वह जी-7, क्वाड समूह सहित कुछ बहुपक्षीय शिखर सम्मेलनों में भाग लेंगे. समझा जाता है कि इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री के 40 से अधिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की संभावना है जिसमें वह शिखर सम्मेलनों में विश्व के दो दर्जन से अधिक नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें द्विपक्षीय बैठकें भी शामिल हैं.
तीन देशों की छह दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले एक बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह जी7 देशों और अन्य आमंत्रित साझेदारों के साथ दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों और उनसे सामूहिक रूप से निपटने की जरूरत पर विचारों के आदान-प्रदान को लेकर उत्सुक हैं. उन्होंने कहा, “मैं हिरोशिमा जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करूंगा.” ये भी पढ़ें- New Sanctions On Russia: G7 में रूस पर नए प्रतिबंधों की घोषणा करेंगे विश्व के नेता, 70 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi emplanes from Delhi, for Hiroshima, Japan.
He will attend the #G7Summit under the Japanese Presidency at the invitation of Fumio Kishida, Prime Minister of Japan. pic.twitter.com/clQkWxvo6L
— ANI (@ANI) May 19, 2023
प्रधानमंत्री मोदी 19 मई की सुबह अपनी यात्रा के पहले चरण के लिए जापान के शहर हिरोशिमा के लिए रवाना हुए, जहां वह दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह जी-7 के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
After the Japan visit, will be in Papua New Guinea to take part in the FIPIC Summit, a vital forum to boost multilateral cooperation. There will be productive deliberations on subjects such as sustainable development, climate change, healthcare and more.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 19, 2023
प्रधानमंत्री मोदी, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के न्योते पर वहां जा रहे हैं. जापान, जी-7 समूह के मौजूदा अध्यक्ष के रूप में इसके शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है और भारत को इसमें अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है.
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं को बताया था कि जी-7 समूह की बैठक में प्राथमिकताओं से जुड़े कई विषयों पर चर्चा होगी, जिसमें सम्पर्क बढ़ाने, सुरक्षा, परमाणु निरस्त्रीकरण, आर्थिक सुरक्षा, क्षेत्रीय मुद्दे, जलवायु परिवर्तन, खाद्य एवं स्वास्थ्य तथा विकास के अलावा डिजिटलीकरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दे शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि भारत तीन औपचारिक सत्र में हिस्सा लेगा, जिनमें प्रथम दो सत्र 20 मई को होंगे और तीसरा सत्र 21 मई को आयोजित किया जाएगा. प्रथम दो सत्र के विषय- खाद्य एवं स्वास्थ्य और लैंगिक समानता तथा जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण होंगे. वहीं, शांतिपूर्ण, टिकाऊ एवं प्रगतिशील विश्व जैसे विषयों को तीसरे सत्र में शामिल किया गया है.
क्वात्रा ने बताया कि जापान के हिरोशिमा में इसी सप्ताह क्वाड समूह के नेताओं की बैठक होने की संभावना है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज हिस्सा लेंगे.
गौरतलब है कि अमेरिका में उत्पन्न आर्थिक संकट का समाधान करने के लिए बाइडन के अपनी ऑस्ट्रेलिया यात्रा स्थगित करने के बाद सिडनी में प्रस्तावित क्वाड देशों का शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर जापान के प्रधानमंत्री और कुछ अन्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. जापान के प्रधानमंत्री किशिदा के साथ प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय वार्ता में आर्थिक मामलों सहित अन्य विषयों पर चर्चा होगी. हिरोशिमा में प्रधानमंत्री मोदी, महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी, जापान से पोर्ट मोरेस्बी की यात्रा पर जायेंगे, जहां वह 22 मई को पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारपे के साथ फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स को-ऑपरेशन (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन की संयुक्त रूप से मेजबानी करेंगे.
किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी की यह पहली यात्रा होगी. वर्ष 2014 में स्थापित किए गए एफआईपीआईसी में भारत और 14 प्रशांत द्वीप देश शामिल हैं - जिनमें फिजी, पापुआ न्यू गिनी, टोंगा, तुवालु, किरिबाती, समोआ, वनुआतु, नीयू, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेशिया, रिपब्लिक ऑफ मार्शल आइलैंड्स, कुक आइलैंड्स, पलाऊ, नाउरू और सोलोमन द्वीप सम्मिलित हैं.
मोरेस्बी में प्रधानमंत्री मोदी पापुआ न्यू गिनी के नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. साथ ही, उनका फिजी के प्रधानमंत्री रोबुका से मिलने का भी कार्यक्रम है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह जापान से पापुआ न्यू गिनी के पोर्ट मोरेस्बी जाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं आभारी हूं कि सभी 14 प्रशांत द्वीपीय देशों (पीआईसी) ने इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. एफआईपीआईसी की शुरुआत 2014 में मेरी फिजी यात्रा के दौरान की गई थी. मैं पीआईसी नेताओं के साथ उन मुद्दों पर बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं, जो हमें साथ लाते हैं, जैसे कि जलवायु परिवर्तन एवं सतत विकास, क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण, स्वास्थ्य एवं कल्याण, बुनियादी ढांचा और आर्थिक विकास.”
अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में 22 से 24 मई तक प्रधानमंत्री सिडनी जाएंगे. ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा के दौरान मोदी 24 मई को वहां(आस्ट्रेलिया) के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी 23 मई को सिडनी में एक सामुदायिक कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और प्रमुख कारोबारियों के साथ बातचीत करेंगे तथा भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी करेंगे. मोदी ने कहा कि अल्बनीज के साथ बैठक ‘हमारे द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेने और मार्च में नयी दिल्ली में आयोजित पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वार्षिक शिखर सम्मेलन का प्रभाव जानने’ का अवसर होगी.
उन्होंने कहा, “मैं ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) और शीर्ष उद्योगपतियों के साथ संवाद करूंगा और सिडनी में एक विशेष कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुखातिब भी होऊंगा.” प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, “यह यात्रा भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी.”
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