'Sheesh Mahal' Row: पीएम मोदी और मनमोहन सिंह ने 20 साल में दिवाली पर नहीं किया सरकारी पैसे का इस्तेमाल; 'शीश महल' विवाद के बीच बड़ा खुलासा
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने 'शीश महल' पर अत्यधिक खर्च करने का मामला विधानसभा चुनाव से पहले चर्चा का विषय बन गया है.
'Sheesh Mahal' Row: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने 'शीश महल' पर अत्यधिक खर्च करने का मामला विधानसभा चुनाव से पहले चर्चा का विषय बन गया है. news18.com की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच एक आरटीआई के जवाब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सादगी को उजागर कर दिया है, जो केजरीवाल द्वारा खर्च किए गए धन के विपरीत है. आरटीआई कार्यकर्ता प्रफुल सारदा ने 2014 से 2024 तक मोदी सरकार और 2004 से 2013 तक मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 'दीपावली उत्सव' पर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के प्रवेश कुमार ने जवाब में कहा कि पीएम मोदी और मनमोहन सिंह ने 20 साल में 'दीपावली महोत्सव' पर एक भी रुपया सरकारी धन खर्च नहीं किया.
सादगी का उदाहरण
RTI के इस जवाब ने नेताओं को सादगी अपनाने की सीख दी है. प्रफुल्ल सरडा ने कहा, “यह RTI हमारे नेताओं को याद दिलाती है कि सरकारी पैसों का इस्तेमाल सोच-समझकर होना चाहिए. पीएम मोदी और डॉ. मनमोहन सिंह ने 10-10 साल के कार्यकाल में सादगी की मिसाल पेश की है”
केजरीवाल के 'शीश महल' पर BJP का हमला
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल के 'शीश महल' को लेकर हमला बोला है. सचदेवा ने 2022 की CAG रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के आवास पर 33.86 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन असल खर्च 75-80 करोड़ रुपये तक हो सकता है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है.
विपक्ष ने इसे केजरीवाल सरकार की 'अविश्वसनीयता' का प्रतीक बताया है. अब देखना होगा कि यह मुद्दा चुनावी नतीजों को कितना प्रभावित करता है.