PLI स्कीम: विदेशी मोबाइल कंपनियों ने किया आवेदन, 9 लाख लोगों को रोजगार का वादा

कोविड-19 महामारी की वजह से लगाये गए लॉकडाउन के दौरान जब लाखों की संख्‍या में लोग बेरोजगार हो गए, या उनकी सैलरी मिलना बंद हो गई, तब आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत उन्‍हें सहायता प्रदान की गई. उसी के साथ पीएलआई स्कीम यानी प्रोडक्शन लिंक स्कीम लॉन्‍च की गई, जिसके तहत कंपनियों से आवेदन मांगे गए.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Photo Credit-ANI)

कोविड-19 महामारी की वजह से लगाये गए लॉकडाउन के दौरान जब लाखों की संख्‍या में लोग बेरोजगार हो गए, या उनकी सैलरी मिलना बंद हो गई, तब आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत उन्‍हें सहायता प्रदान की गई. उसी के साथ पीएलआई स्कीम यानी प्रोडक्शन लिंक स्कीम लॉन्‍च की गई, जिसके तहत कंपनियों से आवेदन मांगे गए.

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान बताया कि पीएलआई स्कीम के तहत दुनिया की कई शीर्ष मोबाइल कंपनियों ने आवेदन किया है। इन कंपनियों ने वादा किया है कि आने वाले पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल कंपोनेंट बनायेंगे, 7 लाख करोड़ रुपए के एक्‍सपोर्ट करेंगे और 9 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देंगे. केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि दो कंपनियों की फैक्ट्र‍ियां कर्नाटक में शुरू भी हो गई हैं, जिसमें नए रोजगार सृजित हुए हैं. यह भी पढ़ें-PM Wi-Fi: केंद्र ने देश में पीएम-वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस को दी हरी झंडी, भारत में खुलेंगे 1 करोड़ डाटा सेंटर

क्या है पीएलआई स्कीम-

इस योजना की शुरुआत नवम्‍बर माह में हुई थी, जिसमें सरकार ने 10 क्षेत्रों को चुना और प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव देने का फैसला किया। केंद्र के इस फैसले से विदेशों से मोबाइल फोन व अन्‍य इलेक्‍ट्रॉन्सि उपकरणों का निर्यात कम होगा. इसमें सबसे बड़ा विस्तार इलेक्‍ट्रॉनिक्स उत्पाद, मोबाइल फोन और मेडिकल टेक्नोलॉजी से जुड़े उपकरणों के क्षेत्र में होने की संभावना है। यही नहीं इसी स्कीम के तहत मेगा फूडपार्क भी स्‍थापित किए जाने हैं. अगर दवाइयों के उत्पादन की आत करें तो इस क्षेत्र में 53 कंपनियां ने 46,400 करोड़ के व्‍यापार के साथ 8 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है.

हाल ही में एक वेबिनार में अपने संबोधन में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा था कि पीएलआई स्कीम के जरिए आने वाले समय में विनिर्माण क्षेत्र में 520 बिलियन डॉलर (38.36 लाख करोड़ रुपए) का निवेश आ सकता है.

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