बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस अन्य दलों से गठबंधन करने को त्यार : पी.एल. पुनिया
पी एल पुनिया (Photo: IANS)

रायपुर: कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया ने यहां शनिवार को कहा कि भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए जहां-जहां भी जरूरत होगी, पार्टी अन्य दलों से गठबंधन करेगी. रायपुर पहुंचने के बाद माना हवाईअड्डे पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए पुनिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में राहुल गांधी के कार्यक्रम के बाद नए उत्साह का संचार हुआ है. राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि 'भाजपा को हटाने के लिए जहां-जहां भी आवश्यकता होगी हम जरूर गठबंधन करेंगे.'

उन्होंने कहा कि महासमुंद, बागबाहरा, आरंग, रायपुर पश्चिम और फिर सरगुजा संभाग में सभी 14 विधानसभा क्षेत्र के विधानसभा स्तरीय संकल्प शिविरों के कार्यक्रम होने जा रहे हैं और निरंतर संगठन को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम हो रहे हैं. चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है. सभी लोगों को एक साथ जुटाकर हम चुनाव लड़ेंगे.

पुनिया ने कहा कि भाजपा सरकार का रहना देशहित में नहीं है, गरीबों के हित में नहीं है, इनको जाना होगा.

जोगी से गठबंधन की संभावना को पूरी तरह से खारिज करते हुए उन्होंने कहा, "राहुल गांधी स्वयं कह चुके हैं कि जोगी अवसरवाद का सहारा लेकर कांग्रेस से बाहर गए हैं. इसलिए उनसे वार्ता करने का हमारा कोई विचार नहीं है."

सरगुजा में अमित शाह के भी कार्यक्रम हैं. यह जिक्र करने पर पुनिया ने कहा, "वहां हमारा कार्यक्रम पहले से तय है. हो सकता है उनका भी रहा हो. वो अपनी पार्टी के लिए काम करने जा रहे हैं, हम अपनी पार्टी को मजबूत करने जा रहे हैं, हरेक को अधिकार है. इसमें कोई आपत्ति की बात नहीं है."

सीडी कांड में सीबीआई की कार्रवाई का जिक्र करने पर उन्होंने कहा कि सीबीआई की कार्रवाई तो भाजपा का हथकंडा है. राजनैतिक रूप से कांग्रेस से नहीं लड़ पा रहे हैं, तो 'तोते' को बाहर निकाला है, लेकिन ये किसी भी तरह से कामयाब नहीं होंगे. सीडी बनाने वालों से कोई पूछताछ नहीं है, सीडी बांटने वालों से कोई पूछताछ नहीं है, सिफे हवा में लहराने वाले से पूछताछ करेंगे तो इससे आप अंदाज लगा सकते हैं कि क्या राजनीति हो रही है और किस तरह सीबीआई का राजनैतिक दुरुपयोग हो रहा है.

किसान आंदोलन के संबंध में उन्होंने कहा कि राधा मोहन सिंह देश के कृषि मंत्री हैं, उन्हें किसानों से बात करनी चाहिए, लेकिन किसानों के विरोध में बात करते हैं, यह बड़े दुर्भाग्य की बात है. आवाज कितने लोग उठा रहे हैं, यह महत्वपूर्ण नहीं है. आवाज कितनी जायज है ये महत्वपूर्ण है. अगर आवाज एक व्यक्ति भी उठाता है तो सरकार को संवेदनशील होना चाहिए. उनकी बात सुननी चाहिए.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि क्या यह सही नहीं है कि उद्योगपतियों का लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये के कर्ज मोदी सरकार माफ कर चुकी है. उनके बैंकों का ऋण माफ कर चुकी है और जब किसानों को ऋण माफ करने के बात आती है, तो कहते हैं बाजार खराब हो जाएगा, किसानों की आदत खराब हो जाएगी, यह इनकी धारणा है.

उन्होंने कहा कि सरकार को एमएसपी के बारे में स्पष्ट करना चाहिए. यूपीए-1 में 450 रुपये धान का रेट बढ़ा. यूपीए-2 के दौरान 440 रुपये धान का रेट बढ़ा और अगर अटल बिहारी बाजपेयी का कार्यकाल देखें तो एवरेज उनका साठ रुपये बढ़ा था और इनके दौरान 3 साल में 150 रुपये बढ़ा, यह किसानों के साथ मजाक है.

पुनिया ने कहा, "यह शर्म की बात है कि अन्नदाताओं को जगह-जगह भीख मांगनी पड़े, गुहार लगानी पड़े. मैं किसानों को बधाई देना चाहूंगा कि उन्होंने हिम्मत करके काम बंद करने का निर्णय लिया है, कांग्रेस पार्टी उनके साथ है, उनका समर्थन करती है."