भूख से लड़ने के लिये सभी राज्यों में सामुदायिक रसोई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करके सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे भूख और कुपोषण से निपटने के लिये सामुदायिक रसोई योजना तैयार करें. याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि भूख और कुपोषण की वजह से पांच साल से कम उम्र के कई बच्चे मर जाते हैं.
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court ) में एक जनहित याचिका दायर करके सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे भूख और कुपोषण से निपटने के लिये सामुदायिक रसोई योजना तैयार करें. यह याचिका न्यायमूर्ति एन वी रमण (Justice NV Ramana) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सोमवार को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध की गई है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि भूख और कुपोषण की वजह से पांच साल से कम उम्र के कई बच्चे मर जाते हैं और यह स्थिति भोजन के अधिकार और नागरिकों के जीवन के अधिकार समेत विभिन्न मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है. सामाजिक कार्यकर्ता अनून धवन, ईशान सिंह और कुंजन सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका में केंद्र को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दायरे से बाहर लोगों के लिये राष्ट्रीय खाद्य ग्रिड बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है.
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याचिका में भूख से होने वाली मौतों को कम करने के लिये राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (Nation Legal Services Authorities) को एक योजना तैयार करने का आदेश देने की मांग की गई है. याचिका में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, झारखंड और दिल्ली में सरकार के वित्तपोषण से चलाई जा रही सामुदायिक रसोई का उल्लेख किया गया है. इसमें लोगों को स्वास्थ्यकर स्थिति में रियायती दरों पर खाना दिया जाता है.