YSRCP एमपी वीवी रेड्डी ने संसद में कांग्रेस पर की आपत्तिजनक टिप्पणी, कृषि विधेयकों के विरोध से थे नाराज

केंद्र सरकार ने विपक्ष के कड़े विरोध के बावजूद दो कृषि विधेयकों को रविवार को ऊपरी सदन में पारित करवाने के लिए पेश किया. राज्यसभा में आज सुबह केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 को प्रस्तुत किया.

संसद (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने विपक्ष के कड़े विरोध के बावजूद दो कृषि विधेयकों (Farm Bill 2020) को रविवार को ऊपरी सदन में पारित करवाने के लिए पेश किया. राज्यसभा में आज सुबह केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 को प्रस्तुत किया. जिसके बाद से कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया. इस बीच कृषि विधेयकों के विरोध से नाराज वाईएसआरसीपी (YSRCP) सांसद वीवी रेड्डी (VV Reddy) ने संसद में ही कांग्रेस पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. जिसके बाद से हंगामा और बढ़ गया.

न्यूज़ एजेंसी इएनई के मुताबिक राज्यसभा में वाईएसआरसीपी सांसद वीवी रेड्डी ने कहा, "कांग्रेस के पास इन विधेयकों का विरोध करने का कोई कारण नहीं है. कांग्रेस मिडलमैन 'दलालों' की पार्टी है." उनके इस बयान से कांग्रेस के सांसद हंगामा करने लगे. कांग्रेस का एमएसपी खत्म करने के लिए दोनों कृषि विधेयक लाने का आरोप, सरकार ने किया खंडन

कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा (Rajyasabha) में पार्टी उप नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने वीवी रेड्डी को उनके विवादित बयान के लिए माफी मांगने के लिए कहा. हालांकि, रेड्डी अपने बयान पर अड़े रहे. हंगामा बढ़ता देख राज्यसभा के उपसभापति डॉ एल हनुमनथैया ने कहा कि वीवी रेड्डी के बयान का कोई भी हिस्सा रिकॉर्ड में नहीं जाएगा. इसके बाद मामला शांत हुआ. Farm Bill 2020: हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताई कृषि विधेयकों की खूबी, कांग्रेस सांसद ने कहा- किसानों का डेथ वारंट

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि विधेयकों के प्रावधानों को किसान हितैषी बताते हुए कहा कि इससे किसानों को फायदा पहुंचेगा. यह विधेयक एमएसपी से संबंधित नहीं हैं. एमएसपी सरकार का प्रशासकीय निर्णय है. एमएसपी जारी थी, जारी है और जारी रहेगी. साथ ही उन्होंने एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता नहीं होने का दावा भी किया.

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