पाकिस्तान: तोशाखाना केस में इमरान खान को तीन साल की जेल
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

इस्लामाबाद ट्रायल कोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखान केस में दोषी मानते हुए तीन साल जेल की सजा सुनाई है. फैसले के कुछ ही देर बाद पुलिस ने इमरान को लाहौर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया.इमरान की पार्टी "पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ" (पीटीआई) ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए ट्वीट किया कि उन्हें कोट लखपत जेल ले जाया जा रहा है. पीटीआई ने एक बयान जारी कर बताया कि उसने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है.

मीडिया खबरों के मुताबिक, सजा सुनाए जाते समय ना इमरान और ना ही उनके वकील अदालत में मौजूद थे. कोर्ट ने फैसले में कहा, "इमरान खान ने जानबूझकर पाकिस्तान तोशाखाना के तोहफों के बारे में चुनाव आयोग को गलत जानकारियां दीं. उन्हें भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया है."

इमरान को चुनाव अधिनियम के सेक्शन 174 के तहत सजा सुनाई गई है. इसके मुताबिक, भ्रष्ट आचरण का दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की सजा या एक लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं.

क्या है तोशाखाना केस?

तोशाखाना, कैबिनेट डिवीजन के अंतर्गत एक विभाग है. 1974 में इसका गठन किया गया था. इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसद, नौकरशाह और अधिकारियों को विदेशी राष्ट्राध्यक्षों या प्रतिनिधियों से मिले तोहफे जमा किए जाते हैं. नियम है कि अगर विदेशी दौरों पर राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक-आधिकारिक पद पर बैठे लोगों को कीमती तोहफे मिलें, तो वहां के पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी उन तोहफों को लेकर उनका ब्योरा दर्ज करेंगे.

तोहफे की कीमत स्थानीय मुद्रा में 30 हजार तक या इससे कम होने पर, तोहफे पाने वाला शख्स उसे रख सकता है. इससे ज्यादा कीमती तोहफे तोशाखाना में जमा किए जाते हैं. अगर प्राप्तकर्ता कीमती तोहफे रखना चाहे, तो उसे तोशाखाना की इवैल्यूएशन कमिटी द्वारा आंकी गई तोहफे की कीमत का एक तय हिस्सा जमा करना होता है.

इमरान खान पर आरोप था कि 2018 से 2022 के दौरान प्रधानमंत्री पद पर होते हुए उन्होंने जिन तोहफों को अपने पास रखा, उनके ब्योरे साझा नहीं किए. ना ही इन तोहफों की बिक्री से हुई कमाई की जानकारी दी.

अदालत कैसे पहुंचा मामला?

2021 में पाकिस्तान इंफॉर्मेशन कमीशन (पीआईसी) ने एक आवेदन मंजूर करते हुए तोशाखाना को निर्देश दिया कि वह बतौर पीएम, इमरान खानको मिले तोहफों, उनका ब्योरा और इमरान ने कौन-कौन से तोहफे अपने पास रखे, ये जानकारियां सार्वजनिक करे. उस वक्त संबंधित कैबिनेट डिवीजन ने पीआईसी के आदेश को अदालत में चुनौती दी थी. उसने तर्क दिया कि तोशाखाना के ब्योरे गोपनीय हैं और इससे जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक करने से द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हो सकते हैं.

21 अक्टूबर, 2022 को चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया कि इमरान ने तोहफों से जुड़ी गलत जानकारी दी. आयोग ने संविधान के आर्टिकल 63 (1)(पी) के आधार पर इमरान को अयोग्य करार दिया. इसके बाद चुनाव आयोग ने कोर्ट से आपराधिक कानून के तहत इमरान पर कार्रवाई की अपील की थी.

इसके बाद चुनाव आयोग ने इस्लामाबाद सेशंस कोर्ट का रुख किया और शिकायत की कॉपी साझा करते हुए अदालत से आपराधिक कानून के तहत इमरान पर कार्रवाई की दरख्वास्त की थी. 10 मई को इस मामले में इमरान को अभ्यारोपित किया गया.

हालांकि इसके बाद 4 जुलाई को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने कार्यवाही पर स्टे लगाते हुए अडिशनल डिस्ट्रिक्ट सेशन्स जज (एडीएसजे) हुमायूं दिलावर को सात दिनों के भीतर मामले की फिर से जांच करने का निर्देश दिया. जवाब में 9 जुलाई को एडीएसजे ने कार्यवाही को फिर शुरू करने का आदेश दिया.