Bangladesh Crisis: बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि शेख हसीना के दौर का अंत हो चुका है. वह 76 साल की हो चुकी हैं और मुझे नहीं लगता कि वह निर्वासन में बैठकर वापसी की योजना बनाएंगी. अगर वह ऐसा करती भी हैं तो यह एक नासमझी होगी. हमने पिछले आधी सदी में मुक्ति आंदोलन से जुड़ी ताकतों, शेख मुजीबुर रहमान और अब उनकी बेटी के बीच लंबे समय तक चलने वाला नाटक देखा है. दूसरी तरफ, लोग सेना से और कुछ हद तक बांग्लादेश के भीतर अधिक इस्लामी ताकतों से जुड़े हुए हैं.
''बांग्लादेश कभी पूर्वी पाकिस्तान हुआ करता था. उस समाज के कुछ हिस्सों में इस्लामी उत्साह का एक निश्चित आधार है. भारत ने हर सरकार के साथ काफी रचनात्मक तरीके से काम किया है, यहां तक कि उन सरकारों के साथ भी जो हमारे लिए खुले तौर पर अनुकूल नहीं थीं. मुझे लगता है कि हमें ठीक यही काम जारी रखना होगा.
अब हमें बांग्लादेश का मददगार बनना चाहिए- शशि थरूर
#WATCH | Delhi: On Shiekh Hasina and the current political situation in Bangladesh, Congress MP Shashi Tharoor says "...It's very clearly the end of the Sheikh Hasina era, no doubt about that. She's also 76 years old and I don't think she's going to sit in exile plotting a… pic.twitter.com/3984qJiwWK
— ANI (@ANI) August 6, 2024
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के बारे में शशि थरूर ने कहा कि हमें अपने अच्छे अधिकारियों को किसी भी तरह से उनकी मदद करने के लिए उपलब्ध कराना चाहिए. भारत को सभी को आश्वस्त करना चाहिए कि हम कोई अमित्र शक्ति नहीं हैं और बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उस पर हावी होने या उसे नियंत्रित करने की हमारी कोई इच्छा नहीं है. हम मददगार बनना चाहेंगे. यह एक ऐसा संदेश होगा, जो मुझे लगता है कि हमें सार्वजनिक और निजी तौर पर दोनों ही तरह से देना चाहिए.