लोजपा ने 9 अगस्त को प्रस्तावित भारत बंद को वापस लेने का फैसला किया
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने शुक्रवार को कहा कि नौ अगस्त को प्रस्तावित बंद को वापस ले लिया जाना चाहिए, क्योंकि सरकार ने एससी/एसटी अधिनियम को इसके वास्तविक स्वरूप में बहाल करने का फैसला कर लिया है.
नई दिल्ली : लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने शुक्रवार को कहा कि नौ अगस्त को प्रस्तावित बंद को वापस ले लिया जाना चाहिए, क्योंकि सरकार ने एससी/एसटी अधिनियम को इसके वास्तविक स्वरूप में बहाल करने का फैसला कर लिया है. इसके साथ ही लोजपा ने एनजीटी अध्यक्ष ए.के. गोयल को हटाने की अपनी पहले की मांग पर कहा कि यह मामला अब समाप्त हो गया है.
लोजपा ने इससे पहले कहा था कि दलित सेना से जुड़ी पार्टी 'भारत बंद' में शामिल होगी. एससी/एसटी अधिनियम के वास्तविक स्वरूप को फिर से बहाल करने को लेकर कई दलित संगठनों ने नौ अगस्त को भारत बंद बुलाया था.
लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने यहां पत्रकारों से कहा, "सरकार एससी/एसटी अधिनियम को बहाल करने के लिए विधेयक लेकर आई है. इसलिए नौ अगस्त को बंद करने का कोई कारण नहीं है."
पासवान ने कहा कि अब उनकी पार्टी न्यायमूर्ति गोयल को हटाने की मांग नहीं करेगी. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में गोयल ने एक आदेश पारित किया था, जो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति(अत्याचार से रोकथाम) अधिनियम, 1989 को कमजोर कर रहा था.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र चिराग ने कहा, "हम व्यक्तिगत रूप से गोयल के विरुद्ध नहीं हैं. हम उनके द्वारा दिए गए निर्देश के खिलाफ थे. अब सरकार ने उस आदेश को अप्रभावी बना दिया है, इसलिए यह मामला समाप्त हो गया है."