राम जन्मभूमि आंदोलन की अगुवाई करने वाले विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने रविवार को स्पष्ट किया कि वह प्रस्तावित राम मंदिर के निर्माण के लिए कोई फंड इकट्ठा नहीं कर रही है. विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे (Milind Parande) ने एक बयान में कहा, "1989 से, ना तो विहिप और ना ही श्री राम जन्मभूमि न्यास ने भगवान श्री राम के जन्म स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए धन इकट्ठा किया और ना ऐसा करने की घोषणा की है."
उन्होंने कहा, "वर्तमान समय में भी विहिप या श्री राम जन्मभूमि न्यास ने इस तरह की कोई अपील नहीं की है और ना ही ऐसा कर रही है. यह पूछे जाने पर कि किस चीज ने विहिप को बयान जारी करने के लिए मजबूर किया तो इसके प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि विहिप राम मंदिर के लिए विहिप के नाम पर धन के अवैध संग्रह से आशंकित है. यह कदम एक ऐहतियाती उपाय है, उन्होंने कहा कि यह विहिप के नाम पर राम मंदिर के लिए किसी भी तरह के दान के खिलाफ जनता को सचेत करना है.
9 नवंबर को, एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में हिंदू पक्ष या राम लला को विवादित भूमि का विशेष अधिकार दिया. इसने केंद्र को विवादित भूमि में राम मंदिर के निर्माण के लिए 3 महीने के भीतर एक ट्रस्ट स्थापित करने का भी निर्देश दिया. विहिप ने संतों के साथ आंदोलन को गति दी थी, जो 1990 के दशक में अपने चरम पर तब पहुंचा, जब अशोक सिंघल ने विवादित भूमि में कार सेवा के प्रयासों की अगुवाई की थी.