पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के एक फैसले ने नरेंद्र मोदी को फर्श से अर्श तक पहुंचा दिया
फाइल फोटो

नई दिल्ली: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया गई है. पिछले 36 घंटे में उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ. वह पिछले तीन दिनों से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे. वाजपेयी अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे.

वही दूसरी तरफ बताना चाहते है कि प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से हर बड़े मौके पर और अपने बयानों में नरेंद्र मोदी अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद करना नहीं भूलते हैं. दरअसल, इन दोनों नेताओं का पुराना गहरा नाता भी रहा है. बहुत कम लोग ही जानते है कि वो अटल बिहारी वाजपेयी ही थे, जिनके फैसले से नरेंद्र मोदी आज सत्ता के शिखर तक का रास्ता तय कर पाने में सफल हुए हैं. यह भी पढ़े-'मौत से ठन गई...',पढ़ें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 5 कविताएं

चर्चा करते हुए नरेंद्र मोदी और अटल जी (Photo Credit: www.narendramodi.in)

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2001 में नरेंद्र मोदी दिल्ली में एक अंतिम संस्कार में गए थे. उसी वक्त उनके पास प्रधानमंत्री निवास से फोन आया और आकर मिलने के लिए कहा गया. बता दें कि तब केंद्र में एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी देश के पीएम थे.

उस दिन अटल जी से मुलाकात के बाद नरेंद्र मोदी गुजरात में सीएम बनने के लिए रवाना हो गए. जिसके बाद 2002, 2007 और 2012 में भी वह गुजरात के सीएम बने और 2014 में देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने का मौका मिला.

सभी जानते है कि अटल जी विदेश नीति के मंझे हुए खिलाड़ी थे. तभी तो विपक्ष की मामूली शक्ति होने के बावजूद पंडित नेहरू ने युवा अटल को संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करने भेजा था. इसके साथ ही बांग्लादेश निर्माण के बाद वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा था. जिसकी चर्चा कई मौकों पर होती भी है.