लखनऊ: नगीना लोकसभा सीट के चुनावी रुझान आने शुरू हो गए हैं. एग्जिट पोल के नतीजों ने जहां केंद्र में बीजेपी की सरकार के वापसी को दर्शाया है. लेकिन उत्तर प्रदेश की राह इनती आसान नहीं होगी. मिशन 2019 को फतेह करने के लिए बीजेपी ने डाक्टर यशवंत सिंह, सपा-बसपा से प्रत्याशी गिरीशचंद और कांग्रेस प्रत्याशी ओमवती मैदान में उतरी हैं. यूपी के 80 सीटों पर 7 चरणों में मतदान हुआ है.
लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट (Nagina Lok Sabha Elections 2019) बेहद खास है. नगीना का शाब्दिक अर्थ है 'रत्न' या 'रत्न जड़ित आभूषण. उत्तर प्रदेश के 17 आरक्षित लोकसभा सीटों में से एक नगीना लोकसभा सीट पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. यहां के मौजूदा सांसद यशवंत सिंह हैं. 2014 चुनाव में उन्हें कुल 39 फीसदी वोट मिले थे. लेकिन इस बार माना जा रहा है कि यहां कांटे की टक्कर है. क्योंकि बीजेपी पिछली बार मोदी लहर का फायदा हुआ था. लेकिन इस बार सपा और बसपा दोनों एक साथ हैं और तीसरी तरफ से कांग्रेस ने मोर्चा पहले से ही खोल रखा है.
नगीना लोकसभा सीट 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद पहली बार अस्तित्व में आई. नगीना मुस्लिम बाहुल्य इलाका है. जिसका फायदा समाजवादी पार्टी को साल 2009 के लोकसभा चुनाव में मिला और यहां से जीत हासिल कर ली. लेकिन 2014 के चुनाव में मोदी लहर के आगे सपा नहीं टिक पाई और बीजेपी को यहां से बड़ी जीत मिली.
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साल 2014 में इस तरह मिले थे वोट
बीजेपी: डा.यशवंत सिंह, 367825 वोट मिले थे.
समाजवादी पार्टी: यशवीर सिंह, 275435 वोट मिले थे.
बहुजन समाज पार्टी: गिरीशचंद, 245685 वोट मिले थे.
नगीना के वोटर और जातीय समीकरण
नगीना लोकसभा क्षेत्र में करीब 21 फीसदी एससी (SC) वोटर हैं. वैसे यहां पर मुस्लिम वोटर की संख्या कम नहीं है. लेकिन 2014 में बीजेपी फिर भी सीट को निकाल लिया था. वहीं साला 2014 लोकसभा चुनाव के अनुसार नगीना में कुल 14,93,411 मतदाता हैं. इनमे पुरुष वोटरों की संख्या 7,95,554 और महिला वोटर 6,97,857 हैं. चुनाव में नोटा 6,470 वोट पड़ा था.
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गौरतलब हो कि इस बार के चुनाव में तकरीबन 90 करोड़ मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. इस बार के लोकसभा की 543 सीटों के लिए मतदान 11 अप्रैल, 18, 23, 29 अप्रैल और छह, 12, 19 मई को होंगे और मतगणना 23 मई को की जाएगी.