Mumbai: भ्रष्टाचार मामले में पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ी, मुंबई कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Photo Credits: PTI)

मुंबई की एक अदालत ने शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा उनके खिलाफ दायर भ्रष्टाचार मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी. Mumbai: मुंबई में 15 दिनों के लिए लागू होगी धारा 37, जुलूस और पटाखे फोड़ने समेत कई चीजों पर रहेगी पाबंदी

विशेष न्यायाधीश एसएच ग्वालानी ने आज फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा, "मौजूदा मामले में यह स्पष्ट पाया गया है कि बड़ी राशि शामिल है जिसमें देश की अर्थव्यवस्था शामिल है और देश की अर्थव्यवस्था पर विचार करने की आवश्यकता है. आरोपी को उसकी आवश्यकताओं के अनुसार पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं."

कोर्ट ने कहा कि जमानत के स्तर पर मामले के गुण-दोष के आधार पर सबूतों की विस्तृत जांच की जरूरत नहीं है. न्यायाधीश ने आदेश दिया, "मेरा मानना ​​है कि आरोपी को जमानत पर रिहा करने की आवश्यकता नहीं है. इसलिए, वर्तमान जमानत अर्जी खारिज की जाती है."

देशमुख और उनके सहयोगियों पर 2019 और 2021 के बीच हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच की जा रही है. अधिवक्ता डॉ जयश्री पाटिल की एक शिकायत की प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के आधार पर, सीबीआई ने देशमुख और अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में 5 अप्रैल, 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा इस आशय का निर्देश जारी करने के बाद जांच शुरू की गई थी.

सीबीआई की इस प्राथमिकी के आधार पर, ईडी ने देशमुख के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराध का आरोप लगाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शुरू किया और नवंबर 2021 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्हें ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था जिसे उच्च न्यायालय ने 15 नवंबर तक बढ़ा दिया था. इसके बाद, उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जहां वह आज तक बना हुआ है.

देशमुख ने मार्च 2022 में बॉम्बे हाई कोर्ट में नियमित जमानत के लिए अर्जी दी, जब एक विशेष पीएमएलए कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर को देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जा रही जमानत दे दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने 11 अक्टूबर को इसे बरकरार रखा था. हालांकि देशमुख न्यायिक हिरासत में बंद रहे क्योंकि उन्हें अभी तक सीबीआई मामले में जमानत नहीं मिली थी. हाईकोर्ट से जमानत मिलने के तुरंत बाद देशमुख ने नियमित जमानत के लिए सीबीआई कोर्ट का रुख किया.

विशेष न्यायाधीश ने मामले की व्यापक सुनवाई की और सीबीआई ने जमानत अर्जी का कड़ा विरोध किया. विशेष न्यायाधीश ने 20 अक्टूबर को आदेश के लिए याचिका को सुरक्षित रखा और संकेत दिया कि वह आज फैसला सुनाने की कोशिश करेंगे.

इस फैसले के साथ देशमुख सीबीआई मामले में जेल में बंद हैं. देशमुख की ओर से अधिवक्ता अनिकेत निकम और इंद्रपाल सिंह के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी पेश हुए. सीबीआई की ओर से एडवोकेट आशीष चव्हाण और आदित्य ठक्कर के साथ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह पेश हुए.