Agra Police Corruption Case: आगरा में रिश्वत न मिलने पर पुलिसवालों ने दुकान से जूते उड़ाए, तीन सिपाही सस्पेंड

Agra Police Corruption Case: आगरा से यूपी पुलिस की साख पर बट्टा लगाने वाला चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां तीन पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने एक जूता व्यापारी से रिश्वत मांगी और जब उसने पैसे देने से इंकार कर दिया तो दुकान से चार जोड़ी जूते चुरा लिए. व्यापारी ने जब इसकी शिकायत सबूतों के साथ एंटी-करप्शन हेल्पलाइन पर की, तो जांच में आरोप सही पाए गए. इसके बाद तीनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है.

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रिश्वत न मिलने पर उठाए जूते

जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला आगरा के कोतवाली क्षेत्र का है. सिपाही कौशल और विश्वनाथ, जो एसीपी कोतवाली कार्यालय में तैनात थे, उन्हें एक जूता व्यापारी की शिकायत की जांच का जिम्मा सौंपा गया था. इनका काम व्यापारी का बयान दर्ज कर रिपोर्ट एसीपी को सौंपना था. लेकिन जांच के बहाने दोनों सिपाहियों ने व्यापारी से पैसे की मांग कर दी. व्यापारी ने जब रिश्वत देने से मना किया, तो दोनों ने दुकान से चार जोड़ी जूते उठा लिए और वहां से चले गए.

व्यापारी ने सबूतों के साथ दर्ज कराई शिकायत

जूता व्यापारी ने हिम्मत दिखाते हुए आगरा पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई. उसने वीडियो और अन्य सबूत भी प्रस्तुत किए. मामले की जांच शुरू की गई तो आरोप सही पाए गए. जांच रिपोर्ट आने के बाद सिपाही कौशल और विश्वनाथ दोनों को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया. वहीं तीसरे पुलिसकर्मी पर भी विभागीय जांच चल रही है.

हर दिन 100 से ज्यादा कॉल आ रही हैं हेल्पलाइन पर

डीसीपी (सिटी) सैयद अली अब्बास ने बताया कि जांच में प्राथमिक स्तर पर आरोप सही पाए गए हैं. मामले में विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है और आगे की जांच में सभी पहलुओं को देखा जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस कमिश्नरेट की एंटी-करप्शन हेल्पलाइन नंबर 78398-60813 पर हर दिन 100 से अधिक शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार की शिकायतें शामिल होती हैं.

कमिश्नर ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश

आगरा के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने कहा कि हेल्पलाइन पर मिली शिकायतों की प्रारंभिक जांच के बाद तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और विभागीय जांच शुरू हो चुकी है. इसके अलावा नौ अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है और कोई भी पुलिसकर्मी यदि इस तरह के काम में शामिल पाया गया, तो उसके खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी.