गुवाहाटी : असम के सिलचर हवाईअड्डे पर रोके गए तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में से अंतिम बचे दो नेता शुक्रवार को यहां से वापस लौट सकते हैं. काचर उपायुक्त लक्ष्मणन एस. ने शुक्रवार को कहा कि इनमें से छह कोलकाता जा चुके हैं, जबकि दो अन्य अभी भी हवाईअड्डे पर विमान का इंतजार कर रहे हैं.
राष्ट्रीय नागरिक पंजिका (एनआरसी) के मसौदे के जारी होने के बाद स्थिति का जायजा लेने जा रहे तृणमूल के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को सिलचर हवाईअड्डे पर रोक दिया गया और वहां इन्हें एक कमरे में रखा गया. प्रतिनिधिमंडल की सिलचर में लोगों से मुलाकात करने की योजना थी. इन्हें हवाईअड्डे से यह कहकर बाहर नहीं जाने दिया गया कि यहां चार या इससे ज्यादा लोगों को एकसाथ रहने पर पाबंदी है. तृणमूल के छह सांसद और दो विधायकों की गुवाहाटी के दौरे की भी योजना थी.
इसबीच, अखिल असम बंगाली युवा छात्र परिषद ने एनआरसी पर टीएमसी के रुख की निंदा की और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए बयान देने का आरोप लगाया. समूह के मुख्य सलाहकार सुकुमार बिश्वास ने आईएएनएस से कहा, "असम में कोई भी हिंदू बंगाली एनआरसी में अपना नाम शामिल नहीं होने पर भयभीत नहीं है. यह केवल एक मसौदा है और वास्तविक भारतीय नागरिकों को अंतिम एनआरसी में अपने नाम शामिल करने के लिए समय दिया गया है."
बिश्वास ने कहा, "असम में शांति है और कोई भी डरा हुआ नहीं है. ममता दीदी हमारे तब हमारे साथ खड़ी नहीं हुईं, जब हमें उनकी जरूरत थी. हालांकि वह अब अपनी पार्टी के लोगों को हालात को भड़काने के लिए यहां भेज रही हैं. असम में कोई भी हिंदू बंगाली टीएमसी के रुख का समर्थन नहीं करेगा."