नई दिल्ली: संसद शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया. सरकार की ओर से लोकसभा में 22 विधेयक पेश किए गए जिसमे से 21 विधेयकों को मंजूरी प्रदान की गई. निम्न सदन की कार्यवाही तय समय सीमा से 20 घंटे अधिक समय तक चली, क्योंकि सदन के आठ घंटे की कार्यवाही की भरपाई करने के लिए सांसद देर तक लोकसभा में टिके रहे.
लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मॉनसून सत्र की समाप्ति पर सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करते हुए खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, "सदन की 17 बैठकें हुईं, जो 112 घंटे तक चलीं." महाजन ने कहा, "सदन में आठ घंटे और 26 मिनट का वक्ता बर्बाद हुआ, मगर सदस्यों ने तय अवधि से 20 घंटे 43 मिनट अधिक समय सदन को दिया." मॉनसून सत्र 18 जुलाई को आरंभ हुआ था.
महाजन ने बताया कि सरकार ने लोकसभा में 22 विधेयक पेश किए, जिनमें से सदन में 21 पारित हुए. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करना महत्वपूर्ण कानून था. इसके अलावा, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम में तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान को बहाल करना एक दूसरा महत्वूर्ण कदम रहा.
लोकसभा में पारित अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों में बच्चों को निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (दूसरा संधोधन) विधेयक, भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, भ्रष्टाचार निवारक (संशोधन) विधेयक, मानव तस्करी (निवारण, रोकथाम व पुनर्वास) विधेयक, आपराधिक विधि (संशोधन) विधेयक, वाणिज्य अदालत, उच्च न्यायालय के वाणिज्य खंड व वाणिज्य अपीली खंड (संशोधन) विधेयक और अचल संपत्ति आवश्यकता व अधिग्रहण (संशोधन) विधेयक शामिल हैं.
सदन में वर्ष 2015-16 के लिए अनुपूरक अनुदान मांग (सामान्य) और अधिक अनुदान मांग पर भी चर्चा हुई और संबद्ध विनियोग विधेयकों को मंजूरी प्रदान की गई.
वहीं मॉनसून सत्र समाप्त होने के साथ ही शुक्रवार को राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में 74 प्रतिशत उत्पादकता रही और 17 बैठकों में 14 विधेयक पारित हुए.
नायडू ने कहा, "मीडिया ने उम्मीद जताई थी कि यह सत्र हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा. लेकिन मैं खुश हूं कि मीडिया एकबार फिर गलत साबित हुआ. यह सत्र पिछले बजट सत्र की तुलना में तीन गुना ज्यादा उत्पादक साबित हुआ." उन्होंने कहा, "हमने 14 विधेयक पारित किए, जबकि अंतिम दो सत्रों में कुल मिलाकर 10 विधेयक ही पारित हुए थे."