BJP को हराने के लिए साथ आए SP-BSP, जानें प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिवपाल यादव पर मायावती ने ऐसा क्या कहा कि अखिलेश नहीं रोक पाए अपनी हंसी?
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीएसपी सुप्रीमो ने अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव के बार में कुछ ऐसा कहा कि पूरा प्रेस कॉन्फ्रेंस हाल हंसी के ठहाको से गूंज उठा. यहां खास बात तो यह है कि मायावती की इस चुटकी पर अखिलेश यादव भी अपनी हंसी रोक नहीं पाए और वो भी हंसने लगे.
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी यानी बीएसपी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने शनिवार को औपचारिक रूप से गठबंधन (Alliance) का ऐलान करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) (SP) के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. इस मौके पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन (joint Press Conference) को संबोधित करते हुए बीएसपी सुप्रीमो ने अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के बार में कुछ ऐसा कहा कि पूरा प्रेस कॉन्फ्रेंस हाल हंसी के ठहाको से गूंज उठा. यहां खास बात तो यह है कि मायावती की इस चुटकी पर अखिलेश यादव भी अपनी हंसी रोक नहीं पाए और वो भी हंस पड़े.
दरअसल, अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने सपा से अलग होकर अपनी एक नई पार्टी बनाई है. इस पर चुटकी लेते हुए मायावती ने कहा कि पर्दे के पीछे जिस तरह से बीजेपी शिवपाल यादव पर पानी की तरह पैसा बहा रही है वो सब बेकार चला जाएगा, क्योंकि शिवपाल यादव की पार्टी समेत मुस्लिमों, दलितों और पिछड़ों के नाम पर बनाई गई पार्टियों और बीजेपी के संगठन के द्वारा मैदान में उतारे गए प्रत्याशियों को यूपी की जनता अपना वोट नहीं देगी.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे गठबंधन से डरकर ही बीजेपी अखिलेश यादव का नाम खनन घोटाले में घसीट रही है, लेकिन बीजेपी की इस हरकत से एसपी और बीएसपी का गठबंधन कमजोर नहीं बल्कि और भी मजबूत हुआ है. यह भी पढ़ें: बीजेपी को पछाड़ने के लिए मायावती और अखिलेश यादव ने गठबंधन का किया ऐलान, 38-38 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
गौरतलब है कि मायावती ने इस गठबंधन को एक नई राजनीतिक क्रांति करार दिया है और कहा है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ा देगा. उन्होंने कहा कि इस गठबंधन के पास बीजेपी को फिर से सत्ता में आने से रोकने की ताकत है. बता दें कि दोनों पार्टियां प्रदेश की 80 सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, बाकी 2 सीटों को सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ा गया है.