Congress: मैंने शशि थरूर से नाम वापस लेने को कहा था, लेकिन वह चुनाव लड़ना चाहते हैं: मल्लिकार्जुन खरगे
मल्लिकार्जुन खरगे ने भी रविवार से चुनावी अभियान शुरू कर दिया है. इस दौरान उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर के बारे में भी बात की
Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. मल्लिकार्जुन खरगे ने भी रविवार से चुनावी अभियान शुरू कर दिया है. इस दौरान उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि चुनाव से नाम वापसी करना, नहीं करना थरूर साहब की मर्जी है. मैंने उनसे फोन करके कहा था कि आम सहमति बन जाए, अगर वो नाम वापस लें. लेकिन उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लड़ना चाहता हूं. तो उनकी मर्जी, वो मेरे छोटे भाई. मैं सिर्फ दलित नेता नहीं, मुझमें और किसी में क्या फर्क. मैं कांग्रेस कार्यकर्ता हूं.’ VIDEO: CM केजरीवाल पर फेंकी गई पानी की बोतल, गुजरात में नवरात्रि उत्सव में ले रहे थे हिस्सा
उन्होंने इस दौरान कहा, 'जिस दिन मैंने नामांकन भरा था, उस दिन मैंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया था. क्योंकि उदयपुर चिंतन शिविर में 'वन पर्सन, वन पोस्ट' का फॉर्मूला तय हुआ था.'
कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को कहा है, 'राहुल, सोनिया, प्रियंका कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ना चाहते, तो सहयोगियों ने कहा कि ऐसे वक्त में आपको चुनाव लड़ना चाहिए. मैं किसी के विरोध में नहीं उतरा, कांग्रेस की विचारधारा को आगे बढाने के लिए मैं लड़ रहा हूं.' उन्होंने कहा, 'शशि थरूर स्टेटस और रिफार्म की बात करते हैं, ये तो 9300 डेलीगेट तय करेंगे. फिर हमारी कमेटी बनेगी. ये घर का मामला है, फिर जो कमेटी बनेगी वो पालिसी तय करेगी. मैं नहीं हम के तहत काम करेंगे.'
कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने मैदान में उतरे मल्लिकार्जुन खरगे के समर्थन में गौरव वल्लभ, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और सैयद नसीर हुसैन ने पार्टी प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि वे खरगे के लिए चुनावी अभियान चलाएंगे. उन्होंने कहा है कि चुनाव पारदर्शी होना चाहिए.
कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि अब जी-23 जैसी कोई चीज नहीं है. हम सब एक हैं. हमारी जंग आरएसएस और बीजेपी से है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने आठ सालों में किया गया वायदा नहीं निभाया. महंगाई चरम पर, काला धन वापस नहीं आया, बेरोजगारी बढ़ी है.