नई दिल्ली: देश के 70वें गणतंत्र दिवस के दौरान राजपथ पर निकाली गई 22 झांकियों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की झलक देखने को मिली. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर इस बार राजपथ पर निकाली गई 22 झांकियों में बापू के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया. इनमें राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की 16 झांकियां थी जबकि विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों- कृषि, ऊर्जा, पेयजल और स्वच्छता, भारतीय रेलवे, सीआईएसएफ और सीपीडब्ल्यूडी की छह झांकियां थी.
उत्तराखंड की झांकी में कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम को दिखाया गया था जहां 1929 में महात्मा गांधी ने कुछ समय बिताया था. जम्मू कश्मीर की झांकी का विषय "गांधी की आशा की किरण - हमारी समग्र संस्कृति" था. झांकी में बापू को उनके चरखे और घाटी की जातीय विविधता के साथ दिखाया गया.
दिल्ली की झांकी में "महात्मा गांधी और दिल्ली" विषय को और राष्ट्रीय राजधानी तथा बिड़ला हाउस के साथ उनके जुड़ाव को प्रदर्शित किया गया, जिसे अब गांधी स्मृति के रूप में जाना जाता है. पश्चिम बंगाल की झांकी में महात्मा गांधी के जीवन के दो चरणों को दिखाया गया- भारत की आजादी के दौरान उनका प्रवास और रवींद्रनाथ टैगोर के साथ जुड़ाव.
गुजरात की झांकी में बापू की "ऐतिहासिक दांडी मार्च" की झलक दिखी. इसी तरह कर्नाटक की झांकी में "गांधीजी और बेलगावी में कांग्रेस के सम्मेलन" की झलक देखने को मिली. महाराष्ट्र की झांकी में "अंग्रेजों भारत छोड़ो" की झलक थी. गोवा की झांकी का विषय "अनेकता में एकता" था जबकि त्रिपुरा की झांकी का विषय, "गांधीवादी तरीके से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण" था.
पंजाब की झांकी में 'जलियांवाला बाग' को दिखाया गया जबकि सिक्किम की झांकी का विषय "कृषि और पर्यावरण अहिंसा" था. राज्यों के साथ ऊर्जा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और अन्य विभागों की झांकी में भी बापू के जीवन की झलक देखने को मिली.