मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने को लेकर चल रही खींचतान के बीच शिवसेना (Shiv Sena) ने एक बार फिर दम भरते हुये कहा कि उसके और बीजेपी (BJP) के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं है. दोनों ही दलों के पास सुलह कर महाराष्ट्र कि सरकार बनाने के लिए केवल 24 घंटे का समय रह गया है॰ इसके बाद देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) सरकार का कार्यकाल खत्म हो जाएगा, और फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना तय है.
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना नेता संजय राऊत (Sanjay Raut) ने कहा की बीजेपी और शिवसेना में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं है. उन्होने फिर दोहराया कि शिवसेना किसी के आगे झुकने वाली नहीं है. उद्धव ठाकरे बोले मुख्यमंत्री पद को लेकर ही होगी बात, संजय राउत ने कहा- हमारे पास और विकल्प मौजूद
शिवसेना सांसद ने आगे कहा की उनकी पार्टी अपनी मांग पर अडिग हैं. इसलिए अब सत्ता बनाने की गेंद बीजेपी के पाले में है और आगे अब यह देखना होगा कि बीजेपी क्या फैसला लेती है.
संजय राऊत ने ट्वीट कर बीजेपी पर साधा निशाना-
आग्नेय परीक्षा की
इस घड़ी में-
आइए, अर्जुन की तरह
उद्घोष करें :
‘‘न दैन्यं न पलायनम्।’’
- अटल बिहारी वाजपेयी
(गीता का संदेश- *न दैन्यं न पलायनम्* अर्थात कोई दीनता नहीं चाहिए , चुनौतियों से भागना नहीं , बल्कि जूझना जरूरी है)
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 8, 2019
गौरतलब हो कि राज्य विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले कल शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने विधायको के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होने कहा कि बीजेपी उनसे तभी संपर्क साधे जब मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देने के लिए तैयार हो. उधर, शिवसेना ने राज्य को राष्ट्रपति शासन की तरफ ले जाने का आरोप भी लगाया है.
बीजेपी और शिवसेना मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर उलझी हुई है जिससे 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में गठबंधन को 161 सीट मिलने के बावजूद सरकार गठन को लेकर गतिरोध बना हुआ है. दरअसल शिवसेना बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की साझेदारी पर अड़ी है. जबकि बीजेपी मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई समझौता नहीं चाहती है. 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में बीजेपी को 105 सीटें, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं.