महाराष्ट्र सत्ता संकट: कांग्रेस भी हुई एक्टिव, निर्वाचित विधायकों को मुंबई किया तलब

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने नव निर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है. यह बैठक ऐसे समय बुलाई गयी है जब इन विधायकों को जयपुर ले जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं. पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट और अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे.

उद्धव ठाकरे और सीएम देवेंद्र फडणवीस (Photo Credit-PTI)

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने नव निर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है. यह बैठक ऐसे समय बुलाई गयी है जब इन विधायकों को जयपुर (Jaipur) ले जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं. पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट (Balasaheb Thorat) और अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे. उन्होंने बताया कि सभी 44 कांग्रेस विधायक बैठक में भाग लेंगे जिसमें महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा होगी.

राज्य में चुनाव परिणाम घोषित होने के दो सप्ताह बाद भी नई सरकार बनने का कोई संकेत नहीं है. सूत्रों ने कहा कि पार्टी अपने विधायकों के दलबदल की आशंका के कारण सावधानी बरत रही है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस (Congress) विधायकों को जयपुर ले जाया जा सकता है. सूत्रों ने इस तरह के किसी भी कदम की पुष्टि नहीं की. शिवसेना के विधायकों को गुरुवार को सरकार गठन को लेकर जारी उठापटक के बीच बांद्रा के रंगशारदा होटल में स्थानांतरित कर दिया गया.

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महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो रहा है. लेकिन बीजेपी और शिवसेना के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें होने के बावजूद सत्ता-बंटवारे को लेकर आपस ठनी हुई है. बीजेपी के पास सबसे अधिक 105 सीटें हैं. बीजेपी नेताओं ने गुरुवार को राज्यपाल बी एस कोश्यारी से मुलाकात की लेकिन सरकार बनाने का कोई दावा नहीं किया. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में गुरुवार को पार्टी के नए विधायकों की एक घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई.

इस बैठक में विधायकों ने कथित तौर पर पदों और जिम्मेदारियों के समान बंटवारे की मांग दोहराई. गौरतलब है कि बीजेपी और शिवसेना, दोनों के पास गठबंधन कर अगली सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें हैं लेकिन सत्ता में बराबर की साझेदारी खासकर मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों के बीच खींचतान जारी है. शिवसेना का दावा है कि दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में तय किया था कि राज्य में पदों की बराबर साझेदारी होगी.

पार्टी के अनुसार, बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद सहयोगी दल के साथ साझा करने की व्यवस्था का पालन नहीं किया है. महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से सरकार गठन को लेकर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. बीजेपी ने ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद साझा करने की शिवसेना की मांग को खारिज कर दिया है.

महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिये 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली थीं जो सरकार बनाने के लिये जरूरी 145 के आंकड़े से ज्यादा है, लेकिन मुख्यमंत्री किस पार्टी का होगा इसे लेकर जारी गतिरोध के चलते अब तक नयी सरकार का गठन नहीं हुआ है. चुनावों में बीजेपी के खाते में 105 सीटें आई हैं. शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं.

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