दोबारा CM बनने के बाद बीजेपी मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, कहा- मोदी हैं तो मुमकिन है
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Photo Credit-ANI)

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra)में लंबे समय से चल रहे सियासी संघर्ष के बीच शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के अजित पवार (Ajit Pawar) के साथ मिलकर सरकार बना ली है. बीजेपी ने रातोंरात ऐसी बाजी मारी है जिसने हर किसी ने चौंका दिया. बीजेपी की इस बाजी की कल्पना भी नहीं की थी. शनिवार सुबह 8 बजे देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. एनसीपी के अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली. सुबह-सवेरे हुई राजनीतिक उठापठक से महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आ गया. महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर पूरे देश से नेताओं की बयानबाजी जारी है. इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुंबई स्थित बीजेपी कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मोदी है तो मुमकिन है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पांच साल चलेगी. महाराष्ट्र के हित में फैसला लिया गया है. इस दौरान उनके साथ महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल समेत कई बड़े नेता भी मौजूद थे. देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार का वादा किया. फडणवीस ने दोहराया कि वह अजित पवार के समर्थन से महाराष्ट्र में मजूबत सरकार बनाने जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर: देवेंद्र फडणवीस ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, एनसीपी के अजीत पवार बने डिप्टी सीएम.

सीएम फडणवीस बोले, मोदी है तो मुमकिन है-

मुंबई में बीजेपी कार्यालय पर सरकार गठन का जश्न जोर शोर ने मनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंच पर नेताओं को लड्डू खिलाए. नेताओं ने भी मुख्यमंत्री को लड्डू खिलाकर दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी. यह सरकार अगले पांच साल महाराष्ट्र के हित में मजबूती से कार्य करेगी. फडणवीस ने बीजेपी सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने 'फडणवीस पवार आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं' के नारे लगाए.

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में रातोंरात बदला खेल: सीएम बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना को घेरा, कही ये बात. 

देवेंद्र फडणवीस ने मजबूत और स्थिर सरकार का भरोसा जताया है तो वहीं दूसरी और शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस भी दावा कर रही है कि सरकार उनकी बनेगी. सभी पार्टियां बहुमत का दावा कर रही हैं. अब देखना यह होगा कि राज्य में सरकार के लिए किस पार्टी के कितने विधायक किसे समर्थन देते हैं.