भोपालः मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सियासी हलचल सोमवार को तेज हो गई, जब कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के खेमे के 16 विधायक बेंगलुरू पहुंचे. इसमें छह मंत्री भी शामिल है. सूबे में बड़े राजनीतिक उलटफेर के संकेत मिलते ही कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के आवास पर आपात बैठक की. इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे. इस बीच बीजेपी ने भी मंगलवार को पार्टी कार्यालय में अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली स्थित अपने आवास पर मौजूद है. जबकि उनके समर्थक विधायकों और मंत्रियों ने बेंगलुरू में डेरा डाल लिया है. जिससे कांग्रेस सरकार के अल्पमत में आने का खतरा तैयार हो गया है. हालांकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बात को खारिज करते हुए कहा कि कथित तौर पर लापता हुए कांग्रेस विधायक लौट आए हैं. कांग्रेस सुप्रीमों से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने पत्रकारों से बात करते हुए, कहा कि उनके विधायक तीर्थयात्रा पर गए थे.
राज्य में बीते एक सप्ताह से कमलनाथ सरकार के अस्थिर होने की अटकलों के बीच बीजेपी भी सक्रीय हो गई है. इस मौके का राजनीतिक लाभ लेने के लिए बीजेपी भी भरसक प्रयास कर रही है. आशंका यह भी है कि कांग्रेस से नाराज कुछ सिंधिया समर्थक विधायक बीजेपी के संपर्क में भी हो सकते हैं. मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा: 5 दिन से लापता कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह बेंगलुरु से भोपाल वापस आए, बोले-कमलनाथ सरकार को पूरा समर्थन
Bhopal: Congress leader Digvijaya Singh arrives at the residence of CM Kamal Nath. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/hy9Fk3v1IS
— ANI (@ANI) March 9, 2020
दरअसल सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायक चाहते हैं कि सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया जाए और साथ ही प्रदेशाध्यक्ष की भी कमान सौंपी जाए. कुछ ही दिनों में राज्य की रिक्त हो रही तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है और नामांकन भरे जाने की अंतिम तारीख 13 मार्च है. इसमें से कांग्रेस के खाते में तीन में से दो सीटों के आने की उम्मीद है. राज्य से कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह को बड़ा दावेदार माना जा रहा है.
भाजपा कल भोपाल में पार्टी कार्यालय में विधायक दल की बैठक आयोजित करेगी। pic.twitter.com/yVHUyzq5pN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 9, 2020
गौरतलब हो कि बीजेपी को भले ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पटखनी दी हो, लेकिन विधानसभा में पूर्ण बहुमत नहीं है. कमलनाथ सरकार बाहरी समर्थन पर टिकी हुई है. राज्य सरकार को समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला हुआ है.
राज्य विधानसभा की 230 सीटों में से दो सीटें रिक्त हैं. मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. जबकि मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कुल 29 मंत्री हैं. ऐसे में अगर 16 कांग्रेसी विधायक बगावत करते है कमलनाथ सरकार गिर जाएगी.