मध्यप्रदेश में सेवानिवृत्त और सेवारत शासकीय कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लाने की तैयारी चल रही है. इसका प्रारूप बनाने के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री शुक्रवार को 'आयुष्मान मध्यप्रदेश' योजना (Ayushman Madhya Pradesh Yojana) की समीक्षा कर रहे थे. आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समीक्षा बैठक में सेवानिवृत्त एवं सेवारत शासकीय कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा का प्रारूप शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत 'निरामयम् योजना में हितग्राहियों के उपचार में आ रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए शासकीय अस्पतालों के लिए आरक्षित पैकेज पर पुनर्विचार करने को कहा.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 'आयुष्मान मध्यप्रदेश' योजना का प्रदेश के सभी जिलों में विस्तार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि सबको समय पर निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए.
योजना में प्रत्येक जिले के निजी अस्पतालों को संबद्ध करने के लिए राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के जरिए उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले अस्पतालों को प्राथमिकता दी जाए. इसके लिए मार्गदर्शिका बनाई जाए. उन्होंने कहा कि जिन चिकित्सालयों को इस योजना में शामिल किया गया है, उन पर सतत निगरानी रखी जाए, ताकि कोई गड़बड़ी न हो. गड़बड़ी करने वाले चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही सभी योग्य हितग्राहियों को अगले छह माह में गोल्डन कार्ड दिए जाने के निर्देश दिए.
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने स्वास्थ्य विभाग को मलेरिया, एलिमिनेशन डिमन्ट्रेशन प्रोजेक्ट, मॉडल कम्प्रिहेंसिव अबॉर्शन केयर सर्विस एवं टी़ बी. के मरीजों की रीयल टाइम मॉनिटिरिंग एप के लिए मिले पुरस्कार और खाद्य एवं औषधि प्रशासन को मिले डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड से अवगत कराया.
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव डॉ़ पल्लवी जैन गोविल ने बताया कि आयुष्मान मध्यप्रदेश योजना में एक करोड़ 31 लाख कार्ड बनाए गए हैं. इस योजना में अब तक एक लाख 75 हजार लोगों के दावे प्राप्त हुए हैं, जिनमें से एक लाख 18 हजार लोगों को इलाज के लिए 157़ 11 करोड़ रुपये भुगतान किया गया है. योजना में 257 स्वास्थ्य शिविर लगाए गए. इलाज के लिए 98 निजी एवं 339 शासकीय अस्पतालों का पंजीयन किया गया है.