मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस मिला सकती है मायावती से हाथ

सूबे में कांग्रेस और बीएसपी के पास दो आप्शन है. पहला तो वह चुनाव से पहले मायावती से हाथ मिला ले. या फिर चुनावों में बीएसपी से उसी जाती प्रत्याशी उतरवाए जो बीजेपी ने उतारा है. इससे मतों का विभाजन होगा जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा.

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती (Photo: IANS)

भोपाल: इस साल के अंत में मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. सूबे में 15 साल से काबिज बीजेपी की सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस एड़ी-चोटी का दम लगा रही है. इस बीच ऐसी खबर आ रही है कि कांग्रेस मायावती से हाथ मिला सकती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने मायावती से संपर्क करना शुरू कर दिया है. कमलनाथ बहुजन समाज पार्टी को साथ लेकर बीजेपी का समीकरण बिगाड़ने की कवायद में जुट गए है. कांग्रेस बीजेपी सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए बीएसपी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरने के लिए रणनीति बना रही है.

मध्‍यप्रदेश में कांग्रेस और बीएसपी अहम मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे है. वैसे सूबे में कांग्रेस और बीएसपी के पास दो आप्शन है. पहला तो वह चुनाव से पहले मायावती से हाथ मिला ले. या फिर चुनावों में बीएसपी से उसी जाती प्रत्याशी उतरवाए जो बीजेपी ने उतारा  है. इससे मतों का विभाजन होगा जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा.

2013 के आंकड़े:

बता दें कि सूबे में 2013 में हुए विधान सभा चुनाव में 230 सीटों में से बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं. बीएसपी ने मुरैना, ग्वालियर, पन्ना और शिवपुरी जैसे जिलों में अच्छा प्रदर्शन किया था. कई जगहों पर पार्टी के उम्मीदवार दुसरे नंबर पर थे. ऐसे में अगर कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन हुआ तो इससे बीजेपी को काफी नुकसान हो सकता है.

बहरहाल, इस मामले में अंतिम निर्णय बीएसपी सुप्रीमो मायवती ही लेंगी. वैसे बीएसपी कांग्रेस के साथ राष्‍ट्रीय स्‍तर पर गठबंधन करने को तैयार है.

Share Now

\