जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जाएगी अल्पसंख्यक मंत्रालय की टीम, तलाशेगी विकास की संभावनाएं: मुख्तार अब्बास नकवी
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय टीम, जिसमें सचिव भी शामिल होंगे, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का दौरा करेगी. नकवी ने बताया टीम 27-28 अगस्त को को श्रीनगर में होगी, और वहां से वह कारगिल, लेह और जम्मू भी जाएगी. टीम उन इलाकों में जाएगी, जहां विकास नहीं पहुंचा है.
अल्पसंख्यक मंत्रालय (Minority Affairs) के अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) दौरे पर जाएगा. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने कहा, "मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय टीम, जिसमें सचिव भी शामिल होंगे, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का दौरा करेगी. नकवी ने बताया टीम 27-28 अगस्त को को श्रीनगर में होगी, और वहां से वह कारगिल, लेह और जम्मू भी जाएगी. टीम उन इलाकों में जाएगी, जहां विकास नहीं पहुंचा है. इसके बाद दौरे की रिपोर्ट बनाई जाएगी. इसी के आधार पर मंत्रालय अपनी योजनाओं को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में लागू करने के लिए रोड मैप तैयार करेगा.
दो दिवसीय दौरे में यह टीम राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद केंद्रीय योजनाओं से विकास की संभावनाओं का पता लगाएगी और जानकारी हासिल करेगी कि स्कूल, कॉलेज व कौशल विकास केंद्र आदि कहां खोले जा सकते हैं.' इससे पहले मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले पर पुनर्विचार से भी इनकार किया.
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: अनंतनाग में प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी में ट्रक ड्राइवर की मौत, पुलिस ने किया गिरफ्तार.
विकास का जायजा लेने जाएगी अल्पसंख्यक मंत्रालय की टीम-
नकवी ने कहा यह नरेंद्र मोदी की सरकार है. सभी को पता है कि यह सरकार सोच समझकर कोई कदम उठाती है. इसलिए, इस पर पुनर्विचार का सवाल ही पैदा नहीं होता. नकवी ने कहा जो लोग राज्य के पुनर्गठन का 'राजनीतिक पूर्वाग्रह' से विरोध कर रहे हैं, इसके प्रभाव को देखने के बाद वे भी समर्थन में आ जाएंगे.
बता दें कि शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर गया था. हालांकि उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गई और वापस भेज दिया गया. राहुल गांधी अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में हालात का जायजा लेने और स्थानीय लोगों से मिलने जाना चाहते थे. दिल्ली वापस आकर राहुल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं.