RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा-गोरक्षा में लगे लोगों को मॉब लिंचिंग से न जोड़ें
गोरक्षा कैसै होगी इस पर भागवत ने कहा, किसी प्रश्न पर हिंसा करना अपराध है और उसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए परंतु गाय परंपरागत श्रद्धा का विषय है. अपने देश में अर्थायाम का आधार गाय बन सकती है.
नई दिल्ली: आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रम का आखिरी दिन है, संघ प्रमुख मोहन भागवत इस मौके पर लगातार लोगों के सवालों का जवाब दे रहे हैं. संघ प्रमुख ने एक सवाल के जवाब में कहा कि, अन्तर्जातीय विवाह करने के मामले में संघ के लोग सबसे आगे हैं. उन्होंने अन्तर्जातीय विवाह का समर्थन करते हुए कहा कि, मानव-मानव को आपस में भेद नहीं करना चाहिए। लोगों को एक स्लिप दी गई थी जिस पर लिखा था कि आप सवाल पूछ सकते हैं और अपना सवाल लिखकर देने का निर्देश दिया गया था.
वही भागवत ने गोरक्षा और इससे जुड़ी हिंसा पर एक सवाल के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा कि गोरक्षा में जुड़े लोगों को मॉब लिंचिंग से जोड़ना ठीक नहीं है. यह भी पढ़े-आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा - देश में मुसलमान नहीं रहेंगे तो ये हिंदुत्व नहीं होगा
गोरक्षा कैसै होगी इस पर भागवत ने कहा, किसी प्रश्न पर हिंसा करना अपराध है और उसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए परंतु गाय परंपरागत श्रद्धा का विषय है. अपने देश में अर्थायाम का आधार गाय बन सकती है.
भागवत ने आगे कहा कि गौरक्षा होनी चाहिए. संविधान का यह मार्गदर्शक तत्व भी है. गाय को रखना जरूरी है. खुला छोड़ देंगे तो घटनाएं होंगी. गौरक्षा के कार्य को प्रोत्साहन मिलना चाहिए. गौ तस्करों के हमले पर आवाज नहीं उठाई जाती. यह दोगली प्रवृति हमें छोड़नी चाहिए.
वही जाति व्यवस्था के बारे में पूछे गए एक एक सवाल के जवाब में भागवत ने इसे कुव्यवस्था बताया और उसे दूर करने पर जोर दिया. यह भी पढ़े-RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा- आजादी की लड़ाई में कांग्रेस का बड़ा योगदान
आरएसएस प्रमुख के अनुसार महिलाओं के प्रति यह सोचकर काम नहीं किया जाना चाहिए कि हम महिला समाज का उद्धार करेंगे। कई मामलों में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में खुद को अधिक समर्थ साबित किया है। भागवत ने कहा कि 'महिला और पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं और समाज में निर्णय लेने से लेकर दायित्व के निर्वहन तक में उनका बराबरी का साथ होना चाहिए।'