लोकसभा चुनाव 2019: सुषमा स्वराज बोलीं- अगर देश में आतंकवाद चुनाव का मुद्दा नहीं है, तो राहुल गांधी हटवा लें SPG की सुरक्षा

सुषमा स्वराज ने कहा कि असल में कांग्रेस के लिए तो देश में आतंकवाद कोई समस्या ही नहीं है. उनके यहां तो आतंकवादियों को ‘जी’ और ‘साहब’ कहकर सम्बोधित किया जाता है.

सुषमा स्वराज और राहुल गांधी (Photo Credits: PTI/IANS)

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की वरिष्ठ नेता एवं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने सोमवार को कांग्रेस (Congress)  के चुनाव घोषणापत्र में कथित रूप से देश में आतंकवाद की समस्या एवं उसके निदान की कोई चर्चा न होने की बात उठाते हुए कहा कि यदि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के लिए आतंकवाद की समस्या चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है तो वह अपनी सुरक्षा में लगी विशेष सुरक्षा दल (SPG) को क्यों नहीं हटवा लेते. वह सोमवार को मथुरा में भाजपा की सोशल मीडिया इकाई द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने पहुंची थीं. उन्होंने कांग्रेस और महागठबंधन के दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘‘वे जनता की नब्ज नहीं जानते जबकि प्रधानमंत्री अच्छे से पहचानते हैं. इसीलिए तो उन्होंने उड़ी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले के बाद एअर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने का काम किया.’’

स्वराज ने कहा, ‘‘असल में कांग्रेस के लिए तो देश में आतंकवाद कोई समस्या ही नहीं है. उनके यहां तो आतंकवादियों को ‘जी’ और ‘साहब’ कहकर सम्बोधित किया जाता है. इसीलिए तो कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में देश में लंबे समय से व्याप्त इस समस्या या इसके निदान का कोई जिक्र ही नहीं किया है जबकि भाजपा आतंकवाद को समूल नष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध है.’’ उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कहा, ‘‘मैं राहुल गांधी का आह्वान करती हूं कि वह यदि ऐसा सोचते हैं तो खुद भी क्यों एसपीजी की सुरक्षा चाहते हैं. वह सरकार को एक पत्र लिखकर एसपीजी की सुरक्षा व्यवस्था वापस कर दें. तब देश का इतना खर्चा तो नहीं होगा.’’

स्वराज ने कहा, ‘‘यह बड़ी शर्म की बात है कि जब सेना के जवान जान पर खेलकर आतंकवादियों को करारा जवाब देते हैं तो विपक्ष के नेता पूछते हैं कितने मरे, प्रमाण दो. वे अपनी सेना के कहे को तो नहीं मानते. लेकिन पाकिस्तानी सेना जो कहती है तो उसे जरूर मान लेते हैं. ऐसे लोगों को हमारी जनता वोट क्यों देगी.’’ यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: उत्तर प्रदेश में दूल्हा बनकर नामांकन करने पहुंचा प्रत्याशी, खुद को बताया 'राजनीति का दामाद'

उन्होंने उज्ज्वला योजना, जन-धन योजना, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में तेजी, डिजिटल इण्डिया के तहत एक लाख से अधिक गांवों में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने, मोबाइल निर्माण कंपनियों की संख्या दो से 127 होने, दुनिया की छठी आर्थिक महाशक्ति बनने, पासपोर्ट केंद्रों की संख्या 73 से 159, उत्तर प्रदेश में 46 नए पासपोर्ट केंद्र की स्थापना करने आदि के विस्तृत आंकड़े पेश करते हुए इनका उपयोग हर प्रकार के सोशल मीडिया पर करने की सलाह दी.

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