नई दिल्ली: चुनाव आयोग (Election Commission) ने विवादित बयान देने को लेकर सोमवार को कई दिग्गज नेताओं को कुछ समय के लिए चुनावी रण से दूर कर दिया. आयोग ने सांप्रदायिक बयान देने के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 72 घंटे और बीएसपी सुप्रीमो मायावती को 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार से बैन कर दिया. जबकि आयोग ने विवादित बयान देने के मामले में केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी को 48 घंटे और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को 72 घंटे की अवधि के लिये चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है. यह पहला मौका है जब किसी केन्द्रीय मंत्री को प्रचार अभियान में हिस्सा लेने पर देशव्यापी रोक लगायी गयी है.
आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत प्रदत्त अधिकारों को इस्तेमाल करते हुये सभी नेताओं के रवैये की आलोचना करते हुये देश में कहीं भी प्रचार अभियान में हिस्सा लेने से रोका है. इसके तहत सभी किसी भी जनसभा, पदयात्रा और रोड शो आदि में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. इतना ही नहीं वे प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इंटरव्यू भी नहीं दे सकेंगे. आयोग ने सभी नेताओं को प्रथमदृष्ट्या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का दोषी पाया है.
गौरतलब हो कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में एक रैली को संबोधित करते हुए ‘‘अली’’ और ‘‘बजरंग बली’’ की टिप्पणी की थी जिसे उन्हें नोटिस जारी किया गया था. जबकि मायावती ने देवबंद में मुस्लिमों से अपील की थी कि एक पार्टी विशेष को वोट नहीं दें. इसे लेकर उन्हें नोटिस जारी किया गया था.
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एक अलग आदेश में आयोग ने मेनका गांधी को आज सुबह दस बजे से अगले 48 घंटे तक देश में कहीं भी किसी भी प्रकार से चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने से रोक दिया है. इसी तरह एक अन्य आदेश में आजम खान को भी मंगलवार सुबह दस बजे से अगले 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोका गया है.
उल्लेखनीय है कि मेनका गांधी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा की और आजम खान रामपुर संसदीय क्षेत्र से सपा के उम्मीदवार हैं. मेनका गांधी ने सुल्तानपुर में एक जनसभा के दौरान मुस्लिम मतदाताओं के बारे में विवादित बयान दिया था जबकि आजम खान को रामपुर में एक जनसभा में जयाप्रदा के प्रति अपमानजनक बयान दिया था. चुनाव आयोग ने भविष्य में ऐसे बयान नहीं देने से बचने को कहा है.
देश में पहले चरण का मतदान खत्म हो चुका है. दूसरे चरण के लिये 18 अप्रैल को होने वाले मतदान के मद्देनजर 16 अप्रैल को शाम पांच बजे से प्रचार अभियान थम जायेगा. आयोग ने इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 72 घंटे और और बसपा अध्यक्ष मायावती को 48 घंटे तक देश में कहीं भी प्रचार करने से रोकने का सोमवार को आदेश जारी किया है.