कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) हमेशा की तरह इस बार भी लोकसभा चुनाव में फिल्मी सितारों को मैदान उतारने के लिए तैयार हैं. बनर्जी ने 2014 के आम चुनाव में भी पांच फिल्मी सितारे मैदान में उतारे थे और सभी ने अपनी-अपनी सीटों पर जीत हासिल की थी. 2009 से उन्होंने पश्चिम बंगाल चुनाव से इस चलन की शुरुआत की थी. तृणमूल कांग्रेस ने 2009 में लोकसभा चुनाव में 42 में से 19 सीटों पर और 2014 में 34 सीटों पर जीत हासिल की थी.
पार्टी की कई बड़ी जनसभाओं में भी टेलीविजन और फिल्म जगत की हस्तियां नजर आती हैं.
इस बार भी तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) ग्लैमर की दुनिया के सितारों को टिकट देने की तैयारी में है. बंगाली सिनेमा की मशहूर अदाकारा मिमी चक्रवर्ती (Mimi Chakraborty) पहली बार राजनीति में कदम रख रही हैं. वह 2019 के चुनाव में प्रतिष्ठित जादवपुर निर्वाचन क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमाएंगी, जो कि कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात है.
यह वही सीट है जहां से 1984 में माकपा के सोमनाथ चटर्जी को मात देकर ममता बनर्जी में चुनार्वी राजनीति में कदम रखा था. ‘हार्वर्ड विश्वविद्यालय‘ में सामुद्रिक इतिहास और मामलों के प्रोफेसर सुगत बोस निवर्तमान 16वीं लोकसभा में तृणमूल सांसद के रूप में इस सीट पर काबिज हैं लेकिन अब उन्हें चुनाव लड़ने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा कथित तौर पर अनुमति नहीं दी गई है.
बंगाली फिल्म अदाकारा नुसरत जहां उत्तर 24 परगना जिले में बसीरहाट सीट से मैदान में उतरेंगी. अभी इस सीट से तृणमूल के इदरिस अली सांसद हैं. बनर्जी ने कहा कि अली विधानसभा उप चुनाव में उम्मीदवार होंगे. इन दो अदाकाराओं के अलावा वर्तमान सांसद दीपक अधिकारी, शताब्दी रॉय और मुनमुन सेन भी एक बार फिर मैदान में उतरेंगे. दीपक अधिकारी देव के नाम से लोकप्रिय हैं.
देव और रॉय क्रमशः घाटल और बीरभूम सीटों से फिर से चुनाव लड़ेंगे, वहीं सेन को बांकुरा से आसनसोल स्थानांतरित कर दिया गया है. यह सीट भाजपा के गायक-नेता-राजनेता बाबुल सुप्रियो ने जीती थी. तृणमूल ने जाने-माने कलाकार एवं मौजूदा सांसद तपस पाल और संध्या रॉय को इस बार मौका नहीं दिया है. पाल को 2016 दिसम्बर में सीबीआई ने रोज़ वैली चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार किया था, जो अभी जमानत पर रिहा हैं.
तृणमूल प्रमुख ने मिथुन चक्रवर्ती को राज्यसभा का सांसद भी बनाया था लेकिन खराब सेहत का हवाला देते हुए उन्होंने दिसम्बर 2016 में इस्तीफा दे दिया था. भाजपा भी फिल्म जगत के सितारों पर दांव लगाने में पीछे नहीं रही. पार्श्व गायक बाबुल सुप्रियो ने 2014 में चुनाव लड़ा और वह राज्य मंत्री भी बनाए गए. वहीं अदाकारा रूपा गांगुली भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद बनाई गईं.