रांची, 29 नवंबर: झारखंड में शराब की कम बिक्री से सरकार के खजाने की सेहत प्रभावित हो रही है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में नवंबर महीने तक शराब की बिक्री से सरकारी खजाने में 1600 करोड़ रुपए लाने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन मात्र 1084 करोड़ रुपए का ही राजस्व हासिल हो सका. इसपर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चिंतित हैं. उन्होंने विभाग के अफसरों और राज्य में शराब बिक्री के लिए जिम्मेदारी एजेंसी को फटकार लगाई है. 'CM योगी ने फिजिक्स नहीं पढ़ी है और वे हमें पेंडुलम सिखा रहे हैं': अखिलेश ने मुख्यमंत्री पर साधा निशाना
झारखंड सरकार ने राज्य में शराब बिक्री से राजस्व वृद्धि के लिए इसी साल छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को कंसल्टेंट बहाल किया था. इस कॉरपोरेशन की सलाह पर बनी पॉलिसी के तहत राज्य भर में शराब बिक्री का जिम्मा सरकार ने खुद लेते हुए इसके लिए मैनपावर एजेंसियां बहाल की हैं. राज्य भर में शराब की लाइसेंसी दुकानों का संचालन इन्हीं एजेंसियों के जरिए किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नई पॉलिसी लागू होने के बाद राजस्व वसूली की स्थिति की समीक्षा की तो यह आंकड़ा सामने आया कि नवंबर महीने तक लक्ष्य का मात्र 68 प्रतिशत राजस्व ही हासिल हो पाया है. उन्होंने एजेंसियों और विभाग के अफसरों को वित्त वर्ष के बाकी चार महीनों में शराब बिक्री से अनुमानित राजस्व का लक्ष्य शत-प्रतिशत हासिल करने का निर्देश दिया है. एजेंसियों को कहा गया है कि नवंबर महीने तक अनुमानित राजस्व में 562 करोड़ की जो कमी रह गई है, उसे अगले क्वार्टर तक हर हाल में पूरा करें.
सीएम ने शराब दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न किए जाने की शिकायतों पर भी नाराजगी जताते हुए एजेंसियों को तत्काल बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया. उन्होंने दुकान संचालकों को अगले 15 दिनों के अंदर अपनी कार्यशैली में सुधार लाने, खुदरा शराब दुकानों के बाहर रेट लिस्ट लगाने, शराब की अधिक कीमत पर बिक्री की शिकायतें मिलने पर कार्रवाई करने को कहा.
रिव्यू मीटिंग के दौरान सीएम को बताया गया कि राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होने पर मैन पावर देने वाली एजेंसियों पर अक्टूबर में 18.22 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. सरकारी दुकानों में शराब बिक्री से कम राजस्व प्राप्ति की एक बड़ी वजह अवैध शराब बिक्री बताई गई है. सीएम ने अफसरों से कहा कि वे अवैध तरीके से शराब बिक्री रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं.