प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की. इसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस बयान जारी किया. पीएम शेख हसीना ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश आने का न्योता दिया है. उनका मानना है कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच मौजूद दोस्ताना रिश्ते और मजबूत होंगे.
पीएम शेख हसीना ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश आने के लिए आमंत्रित करती हूं ताकि हम दोनों देशों के बीच दोस्ताना रिश्तों को और मजबूत कर सकें."
#WATCH | Delhi: Bangladesh PM Sheikh Hasina says, "I invite Prime Minister Narendra Modi to visit Bangladesh to further strengthen the friendly relations of our two countries..." pic.twitter.com/ZRtgueTz9t
— ANI (@ANI) June 22, 2024
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले एक साल में हम 10 बार मिल चुके हैं, लेकिन आज की मुलाकात खास है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री शेख हसीना हमारे तीसरे कार्यकाल में हमारी पहली राजकीय अतिथि हैं. उन्होंने कहा कि हम नए विजन के साथ आगे बढ़ेंगे.
Addressing the press meet with PM Sheikh Hasina of Bangladesh. https://t.co/y9B5ba7V2i
— Narendra Modi (@narendramodi) June 22, 2024
पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश के साथ संबंधों को भारत प्राथमिकता देता है. बांग्लादेश हमारी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी, एक्ट ईस्ट पॉलिसी, विजन सागर और इंडो-पैसिफिक विजन के संगम पर स्थित है. पिछले एक साल में हमने मिलकर लोक कल्याण की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा किया है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच भारतीय रुपये में व्यापार शुरू हो गया है.
A ceremonial welcome for a special partner!
PM @narendramodi received PM Sheikh Hasina of Bangladesh at the forecourt of Rashtrapati Bhavan, as the first guest on a bilateral State Visit after the formation of the new government in India. pic.twitter.com/wWxI3nHVrX
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 22, 2024
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच गंगा नदी पर दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है. भारत और बांग्लादेश के बीच पहली क्रॉस-बॉर्डर मैत्री पाइपलाइन पूरी हो चुकी है. भारतीय ग्रिड के माध्यम से नेपाल से बांग्लादेश को बिजली का निर्यात ऊर्जा क्षेत्र में उप-क्षेत्रीय सहयोग का पहला उदाहरण बन चुका है. उन्होंने कहा कि केवल एक साल में इतने सारे क्षेत्रों में इतनी बड़ी पहल को लागू करना दोनों देशों के संबंधों की गति और पैमाने को दर्शाता है.