लालू प्रसाद के परिवार का विवाद फिर आया सामने, चंद्रिका राय ने बेटी का सामान लेने से किया इंकार
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और ऐश्वर्या राय का वैवाहिक विवाद शुक्रवार को एक बार फिर सामने आया जब तेज प्रताप के ससुर तथा राजद विधायक चंद्रिका राय ने अपनी बेटी का सामान गाड़ी से उतरवाने से इस आशंका में मना कर दिया कि उनके परिवार को फंसाने के लिए उसमें कोई आपत्तिजनक चीज हो सकती है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और ऐश्वर्या राय का वैवाहिक विवाद शुक्रवार को एक बार फिर सामने आया जब तेज प्रताप के ससुर तथा राजद विधायक चंद्रिका राय ने अपनी बेटी का सामान गाड़ी से उतरवाने से इस आशंका में मना कर दिया कि उनके परिवार को फंसाने के लिए उसमें कोई आपत्तिजनक चीज हो सकती है. राजद विधायक चंद्रिका राय ने शास्त्री नगर पुलिस थाने में इस संबंध में एक शिकायत दर्ज करायी है. राय ने जोर देकर कहा कि कल रात जो सामान उनके घर भेजा गया उसे वह तभी लेंगे जब वहां प्रसाद के परिवार का कोई सदस्य और इसकी निगरानी के लिए कोई मजिस्ट्रेट उपस्थित हों.
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपनी बहू ऐश्वर्या को पिछले हफ्ते अपने घर से कथित रूप से निकाल दिया। ऐश्वर्या का ससुराल और मायका कुछ सौ मीटर की दूरी पर स्थित है. शास्त्री नगर के एसएचओ विमलेंदु कुमार ने पीटीआई को बताया कि चंद्रिका राय ने राबड़ी देवी के खिलाफ जो आरोप लगाये हैं, वह कोई संज्ञेय अपराध नहीं है, इसलिए हमलोग प्रारंभिक जांच कर रहे हैं और बाद में अगर जरूरत पड़ती है तो हम संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करेंगे.
यह हाई वोल्टेज ड्रामा गुरूवार देर रात शुरू हुआ जब दो पिक अप वाहन ऐश्वर्या का सामान लेकर चंद्रिका राय के आवास पर पहुंचे जहां ऐश्वर्या एक हफ्ते से रह रही हैं. इन दोनों वाहनों में राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगले से सामान लोड किया गया था. विधायक के सुरक्षा गार्डों ने जब उन्हें इसकी जानकारी दी तो वह अत्यंत नाराज हो गए. राय के पिता दारोगा प्रसाद राय 1970 के दशक में बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
राय ने मौके पर मौजूद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें इसकी जानकारी नहीं है कि इसमें क्या क्या सामान है. हमने केवल अपनी बेटी का मोबाइल फोन, आभूषण और उसके पास मौजूद कुछ नकदी की मांग की थी. मुझे लगता है कि उन्होंने उन सामान को अपने पास रखा है और हमारे पास कूड़े का यह ढेर भेज दिया है.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘हम मजिस्ट्रेट की उपस्थिति के बिना इन सामान को उतरवाने की अनुमति नहीं दे सकते हैं. उनके (प्रसाद के परिवार के) चरित्र को देखते हुए हो सकता है कि इसमें उन्होंने शराब की बोतलें अथवा कुछ अन्य अवैध सामान हमें फंसाने के लिए भेज दिया हो. उनके परिवार का कोई व्यक्ति यहां क्यों नहीं मौजूद है जो कानूनी तौर पर जरूरी है.’’