खंडवा लोकसभा सीट: कांग्रेस का चक्रव्यू फेल, छठी बार बीजेपी के नंदकुमार सिंह की जीत तय
लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने सियासी चक्रव्यू रचा है. 19 मई को अंतिम चरण का मतदान होना है. इसमें मध्य प्रदेश की खंडवा संसदीय सीट भी शामिल है.
भोपाल: लोकसभा चुनाव 2019 जो रविवार 19 मई को संपन्न हुए उनके शुरुआती रुझान आने शुरू हो गए हैं. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के खंडवा संसदीय सीट के रुझान भी आ रहे हैं. इस सीट से बीजेपी के नंद कुमार सिंह चौहान और कांग्रेस के अरुण यादव मैदान में हैं. बता दें कि लोकसभा चुनावों के लिहाज से मध्य प्रदेश एक अहम राज्य हैं जिसमें 29 लोकसभा सीटें है. सूबे में चार चरणों में लोकसभा चुनाव हुए थे. रविवार को कई मीडिया संस्थानों ने वोटरों का मूड बताने के लिए एक्जिट पोल जारी किए. ज्यादातर एग्जिट पोल के नतीजों में बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस बहुत पीछे दिख रही है.
खंडवा में साल 1952 से अब तक 16 संसदीय चुनाव हो चुके है. जिसमें से सबसे ज्यादा नौ बार कांग्रेस और उसके बाद छह बार बीजेपी को जीत हासिल हुई. जबकि एक बार भारतीय लोक दल ने खंडवा सीट पर कामयाबी हासिल की.
बीजेपी ने अबकी बार खंडवा के संसदीय चुनाव में फिर से जीत का परचम फहराने के लिए नंद कुमार सिंह चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस ने अरुण यादव को यहां से एक बार फिर चुनावी रण में उतारा है. आपको बता दें कि खंडवा में लगातार तीसरी बार नंदकुमार सिंह चौहान और अरुण यादव आमने सामने है.
खंडवा का 2014 में हाल-
नंद कुमार सिंह चौहान (बीजेपी)- 7 लाख 17 हजार 357 वोट
अरुण यादव (कांग्रेस)- 4 लाख 57 हजार 643 वोट
नर्मदा और ताप्ती नदी घाटी के बीच में बसे खंडवा से बीजेपी के नंदकुमार चौहान सबसे ज्यादा बार जीतने वाले सांसद हैं. वह इस सीट से पांच बार सांसद चुने गए है. 2011 की जनगणना के मुताबिक खंडवा में 10.85 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति और 35.13 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है. जो कि लोकसभा और विधानसभा सहित तमाम चुनावों में बहुत अहम भूमिका निभाते है.
गौरतलब हो कि मध्यप्रदेश में बीजेपी के लिए इस बार जीत की राह साल 2014 जितनी आसान नहीं होने वाली है. पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान 15 साल बाद सूबे की सत्ता में लौटी कांग्रेस का उत्साह मौजूदा लोकसभा चुनावों में उफान पर है. पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 29 में से सिर्फ दो सीटों-गुना एवं छिन्दवाड़ा पर जीत मिली, जबकि बीजेपी ने बाकी 27 सीटों पर जीत हासिल किया.