नई दिल्ली, 13 मार्च: नई दिल्ली में सीडब्ल्यूसी की बैठक समाप्त होने के तुरंत बाद द कश्मीर फाइल्स फिल्म (The Kashmir Files) की रिलीज के बीच कांग्रेस (Congress) पार्टी ने ताजा विवाद खड़ा कर दिया है. कांग्रेस ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार (Kashmiri Hindus Genocide) से इनकार किया है साथ ही कश्मीरी पंडितों के पलायन (Exodus of Kashmiri Pandits) के लिए पूर्व राज्यपाल जगमोहन और आरएसएस (RSS) को जिम्मेदार ठहराया है. काग्रेस के इस बयान पर बवाल (Controversy on The Kashmir Files) होना तय है. फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' मध्यप्रदेश में टैक्स फ्री, दिल को झकझोर देने वाली है कहानी: CM चौहान
काग्रेस ने कहा "1948 के विभाजन के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों में, जम्मू में 1,00,000 से अधिक कश्मीरी मुसलमान मारे गए थे, लेकिन पंडितों की कोई जवाबी हत्या नहीं हुई थी. अन्य कश्मीरियों की तरह पंडित भी आतंकवाद के शिकार हैं."
Facts about #KashmiriPandits issue:
Even in the 1948 communal riots after partition, over 1,00,000 Kashmiri Muslims were killed in Jammu, but there were no retaliatory killings of Pandits.
Pandits are victims of terrorism like other Kashmiris.#Kashmir_Files vs Truth (6/n) pic.twitter.com/4NB64UOeXI
— Congress Kerala (@INCKerala) March 13, 2022
केरल कांग्रेस ने ट्वीट कर कई फैक्ट पेश किए है. पहले फैक्ट में कांग्रेस ने कहा "आतंकियों ने ही पंडितों को निशाना बनाया था. 17 साल (1990-2007) में 399 पंडित आतंकवादी हमलों में मारे गए थे. इसी अवधि में आतंकवादियों द्वारा मारे गए मुसलमानों की संख्या 15,000 थी."
Facts about #KashmiriPandits issue:
BJP was engineering a Hindu-Muslim divide in the country over the Ram mandir issue in Ayodhya during the migration. Pandits’ issue suited BJP’s propaganda to create a fake outrage for electoral gain.#Kashmir_Files vs Truth (4/n) pic.twitter.com/zLq4wwR5qB
— Congress Kerala (@INCKerala) March 13, 2022
केरल कांग्रेस ने दूसरे फैक्ट में कहा "कश्मीरी पंडितों के मुद्दे के बारे में तथ्य पंडितों ने राज्यपाल जगमोहन के निर्देशन में घाटी छोड़ दी, जो एक आरएसएस के व्यक्ति थे. पलायन भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार के तहत शुरू हुआ था. आतंकवादी हमलों के बाद, पंडितों को सुरक्षा प्रदान करने के बजाय, भाजपा के अपने राज्यपाल जगमोहन ने उन्हें जम्मू स्थानांतरित करने के लिए कहा. बड़ी संख्या में पंडित परिवारों ने खुद को सुरक्षित महसूस नहीं किया और डर के मारे घाटी से चले गए."
तीसरे तथ्य में कांग्रेस ने कहा " भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार दिसंबर 1989 में सत्ता में आई. अगले ही महीने जनवरी 1990 में पंडितों का पलायन शुरू हो गया. बीजेपी ने कुछ नहीं किया और नवंबर 1990 तक वीपी सिंह का समर्थन करती रही.
अपने चौथे फैक्ट में केरल कांग्रेस ने कहा "यूपीए सरकार ने जम्मू में पंडितों के लिए 5,242 आवास बनाए और छात्र छात्रवृत्ति, किसानों को सहायता और 1,168.4 करोड़ रुपये की कल्याणकारी योजनाओं के अलावा प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये की एकमुश्त सहायता प्रदान की."
Facts about #KashmiriPandits issue:
BJP lied about govt support to displaced Pandit families & claimed credit for Congress govt’s initiatives.
UPA govt gave jobs to 15,000 Pandits & recruited 6,000 Pandits in J&K govt. https://t.co/SSzyOZDH6a#Kashmir_Files vs Truth (8/n)
— Congress Kerala (@INCKerala) March 13, 2022
कश्मीरी पंडितों के मुद्दे के बारे में तथ्य रखते हुए कांग्रेस ने आगे कहा " भाजपा ने विस्थापित पंडित परिवारों को सरकारी समर्थन के बारे में झूठ बोला और कांग्रेस सरकार की पहल का श्रेय खुद ले लिया. यूपीए सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार में 15,000 पंडितों को नौकरी दी और 6,000 पंडितों की भर्ती की"
Facts about #KashmiriPandits issue:
BJP lied about govt support to displaced Pandit families & claimed credit for Congress govt’s initiatives.
UPA govt gave jobs to 15,000 Pandits & recruited 6,000 Pandits in J&K govt. https://t.co/SSzyOZDH6a#Kashmir_Files vs Truth (8/n)
— Congress Kerala (@INCKerala) March 13, 2022
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा " कश्मीरी पंडितों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाली भाजपा ने केंद्र में दो कार्यकाल और कश्मीर में एक कार्यकाल के लिए सत्ता में रहने के बावजूद उन्हें वापस कश्मीर नहीं लाया और न ही उनका पुनर्वास किया.
केरल कांग्रेस ने आगे कहा "प्रवास के दौरान अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा देश में हिंदू-मुस्लिम विभाजन की योजना बना रही थी. पंडितों का मुद्दा चुनावी लाभ के लिए नकली आक्रोश पैदा करने के लिए भाजपा के प्रचार के अनुकूल था.