Delhi Water Crisis: दिल्ली में गहराए जल संकट को लेकर केजरीवाल सरकार की आज एक अहम बैठक होने जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि दोपहर को होने वाली इस बैठक में जल संसाधन मंत्री आतिशी, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज, मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. दिल्ली जल संकट की बैठक से पहले मंत्री अतिशी ने वजीराबाद जल शोधन संयंत्र का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया है कि हरियाणा द्वारा यमुना में दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं छोड़े जाने के कारण जलापूर्ति में कमी आई है.
''दिल्ली पानी की पूर्ति के लिए यमुना नदी पर निर्भर है. दिल्ली में वही पानी आता है, जो हरियाणा से छोड़ा जाता है. वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जब हरियाणा से ही पानी कम आएगा तो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पानी कहां से लाएगा?''
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मंत्री आतिशी ने पानी की कमी के लिए हरियाणा सरकार को ठहराया जिम्मेदार
दिल्ली पानी के लिए यमुना नदी पर निर्भर है। यमुना नदी के ज़रिए दिल्ली में जो पानी आता है, वो हरियाणा से आता है। वज़ीराबाद Water Treatment Plant में पानी का स्तर 674 फीट होना चाहिए। लेकिन अभी यह कम है।
हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं दे रही है, जिससे जलस्तर घटा है और… pic.twitter.com/SF2yWgfiaw
— AAP (@AamAadmiParty) May 30, 2024
मंत्री अतिशी ने कहा कि हमने हरियाणा सरकार को भी चिट्ठी लिखकर पानी छोड़ने की अपील की है. दिल्ली में उत्पन्न हुई जल संकट को दूर करने के लिए हम केंद्र सरकार से भी संपर्क करेंगे. दिल्ली को हर हाल में उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए. दिल्ली सरकार ने बुधवार को पानी की बर्बादी को रोकने के लिए 200 टीमें गठित की हैं. इसके अलावा पीने योग्य पानी का दुरुपयोग करने वालों पर 2000 रुपये का भी जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही जल संकट से प्रभावित इलाकों में दो पालियों में ट्यूबवेल चलाने और जलापूर्ति के लिए पानी के टैंकर भेजने का भी फैसला किया है.