कर्नाटक: कांग्रेस-JDS गठबंधन वाली सरकार बचाने की कवायद तेज, संकट से उबारने में जुटे वेणुगोपाल
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार पर फिर से खतरा मंडराने लगा है. कांग्रेस के महासचिब केसी वेणुगोपाल गठबंधन वाली सरकार को बचाने की कवायद में जुटे हुए है.
बेंगलुरु: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में करारी हार के बाद कर्नाटक (Karnataka) में जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार पर फिर से खतरा मंडराने लगा है. कांग्रेस के महासचिब केसी वेणुगोपाल गठबंधन वाली सरकार को बचाने की कवायद में जुटे हुए है. राज्य में दोनों पार्टियों में मतभेद की खबरों के बीच वरिष्ठ नेता एवं राज्य प्रभारी वेणुगोपाल मंगलवार को बेंगलुरू पहुंचे. इसके बाद राज्य की एच डी कुमारस्वामी सरकार की स्थिरता पर आए संकट को दूर करने के लिए मंथन का दौर शुरू हुआ.
मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों से मुलाकात के अलावा विधायक दल की बैठक बुलाई गई. वहीं गुरुवार को भी गहन विचार-विमर्श का सिलसिला जारी रहने की खबर है. कल हुई बैठक में कांग्रेस के 72 विधायक शामिल हुए जबकि दो बागी विधायक रमेश जरकीहोली और आर रोशन बेग इसमें शामिल नहीं हुए. इसके अलावा दो अन्य विधायकों - रामलिंगा रेड्डी और बयराती बासवराज- ने बैठक में शामिल नहीं होने की जानकारी पार्टी को पहले ही दे दी थी.
कांग्रेस विधायक दल के नेता और कांग्रेस-जेडीएस समन्वय समिति प्रमुख सिद्धरमैया ने कहा कि कांग्रेस छोड़ कर कोई नहीं जाएगा और कहीं कोई असंतोष नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जद(एस) के विधायक दलों की संयुक्त बैठक जल्द होगी.
गठबंधन में दरार की खबरों के बीच लोकसभा चुनावों में शानदार जीत से उत्साहित बीजेपी राज्य की सत्ता पर काबिज होने की कोशिश कर रही है. पिछले साल 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए हुए चुनावों में 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी लेकिन सूबे में सरकार नहीं बना पाई. बीजेपी ने एक सीट पर हुए उप-चुनाव में जीत हासिल कर विधानसभा में अब अपनी संख्या 105 कर ली है.
सत्ताधारी गठबंधन में कुल 117 विधायक हैं, इनमें 78 कांग्रेस और 37 जेडीएस के हैं. जिसे बीएसपी के एक और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन हासिल है.