J&K Exit Poll Results 2024: जम्मू-कश्मीर में मिली जुली सरकार के आसार; किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत की उम्मीद नहीं
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे आ चुके हैं, और शुरुआती अनुमानों के अनुसार, किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना नहीं है. एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि कोई भी पार्टी 46 सीटों के जरूरी बहुमत को पार नहीं कर पाएगी.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे आ चुके हैं, और शुरुआती अनुमानों के अनुसार, किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना नहीं है. एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि कोई भी पार्टी 46 सीटों के जरूरी बहुमत को पार नहीं कर पाएगी. यह चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि यह अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव है, और लोगों की निगाहें इन नतीजों पर टिकी हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की बढ़त
पीपुल्स पल्स द्वारा किए गए एग्जिट पोल के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस का गठबंधन इस चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतने की ओर अग्रसर है. अनुमान है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी और उसे 33 से 35 सीटों के बीच मिल सकती हैं. यह गठबंधन जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बार फिर से प्रमुख भूमिका निभाने जा रहा है.
बीजेपी बनी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी
एग्जिट पोल के अनुसार, BJP को 23 से 27 सीटें मिलने का अनुमान है, जिससे यह जम्मू-कश्मीर में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है. बीजेपी को मुख्य रूप से जम्मू क्षेत्र में अच्छा समर्थन मिला है, लेकिन कश्मीर घाटी में उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है.
किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं
इन आंकड़ों के अनुसार, किसी भी पार्टी को 46 सीटों का बहुमत नहीं मिल रहा है. ऐसे में यह साफ है कि मिली-जुली सरकार बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभर रहा है, लेकिन सरकार बनाने के लिए उन्हें अन्य छोटी पार्टियों या निर्दलीयों के समर्थन की जरूरत होगी.
क्या होंगे नतीजे?
एग्जिट पोल के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है. बीजेपी को भले ही कुछ हिस्सों में मजबूती मिली हो, लेकिन वह अकेले सरकार बनाने में सक्षम नहीं है. नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस के साथ मिलकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है, लेकिन बहुमत से अभी दूर है. ऐसे में सरकार गठन के लिए गठबंधन की राजनीति एक बार फिर से अहम भूमिका निभाएगी.
नई सरकार की दिशा
अगर एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित होते हैं, तो जम्मू-कश्मीर में मिली-जुली सरकार बनेगी. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ अन्य क्षेत्रीय पार्टियों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन महत्वपूर्ण हो सकता है. जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक भविष्य पर इन चुनावी नतीजों का बड़ा असर होगा, खासकर तब जब अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार लोग अपने प्रतिनिधि चुन रहे हैं.
एग्जिट पोल के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में इस बार का चुनाव काफी रोमांचक हो रहा है. किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल रहा है, जिससे यह तय हो गया है कि गठबंधन की सरकार बनने की संभावना है. अब सबकी निगाहें 8 अक्टूबर को आने वाले चुनावी नतीजों पर टिकी हैं, जो इस राजनीतिक उलटफेर की असली तस्वीर साफ करेंगे.