लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) की आधिकारिक घोषणा कुछ दिनों बाद चुनाव आयोग करने वाला है लेकिन बिहार (Bihar) में महागठबंधन (Grand Alliance) में शामिल पार्टियों के बीच अभी तक सीट शेयरिंग का फॉर्मूला फाइनल नहीं हो पाया है. इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने मंगलवार को कहा कि महागठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) को जितनी सीटें मिलेंगी, उससे कम पर वह सहमत नहीं होंगे. मांझी के स्थानीय आवास पर मंगलवार को हम सेक्युलर के कोर कमेटी की बैठक हुई, इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में मांझी ने कहा कि हम उनसे (कुशवाहा की पार्टी से) कम सीट पर किसी भी कीमत पर (लोकसभा चुनाव) नहीं लड़ेंगे. अगर नहीं राजी होते हैं तो हमलोग विचार करेंगे कि क्या करना है.
नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए जीतन राम मांझी से यह पूछे जाने पर कि महागठबंधन से नाता तोड़ने पर उनके पास दूसरा विकल्प क्या होगा, उन्होंने इस बारे में कुछ भी तत्काल कहने से इंकार करते हुए कहा कि विकल्प पर पार्टी के भीतर बात होगी. आगामी 18 फरवरी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है.
उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में हमलोग कुशवाहा की पार्टी से अधिक सीट पाने की बात करेंगे. मांझी ने कहा कि कुशवाहा कुछ दिन पहले महागठबंधन में शामिल हुए हैं जबकि हम सेक्युलर पहले से महागठबंधन में शामिल है. ऐसे में अगर उनसे कम सीट पर हम सेक्युलर को चुनाव लड़ने के लिए कहा जाएगा तो यह कैसे संभव होगा. यह भी पढ़ें- मिशन 2019: दक्षिण भारत में ये है मोदी-शाह की सबसे बड़ी मुसीबत
इससे पहले मांझी ने बिहार में महागठबंधन छोड़ने और एनडीए में लौटने की अफवाहों को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा था कि इस तरह की अपुष्ट खबरें उनकी और उनकी पार्टी की छवि खराब करने की ‘साजिश’ है.
भाषा इनपुट