झारखंड: हेमंत सोरेन 29 दिसंबर को लेंगे CM पद की शपथ, सोनिया गांधी को भेजा जाएगा न्योता

झारखंड के 2019 विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha), कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद अब सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है. इसी कड़ी में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है और 29 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह होगा. इसी बीच हेमंत सोरेन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात कर उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में आने का न्योता देंगे. खबरों की मानते तो पीएम मोदी. सीएम अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी, सीएम भूपेश बघेल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत कई दिग्गज नेता शामिल होंगे.

हेमंत सोरेन 29 तारीख को लेंगे शपथ ( फोटो क्रेडिट- ANI )

रांची:- झारखंड के 2019 विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha), कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद अब सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है. इसी कड़ी में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है और 29 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह होगा. इसी बीच हेमंत सोरेन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात कर उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में आने का न्योता देंगे. खबरों की मानते तो पीएम मोदी. सीएम अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी, सीएम भूपेश बघेल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत कई दिग्गज नेता शामिल होंगे.

बता दें कि विधानसभा चुनावों में जनता ने अवसर की तलाश में दल बदलने वाले नेताओं को सबक सिखाते हुए कम से कम नौ लोगों को हार का स्वाद चखाया है. झारखंड विधानसभा चुनावों से जुड़े आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, बीजेपी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी, विधानसभा में पूर्व मुख्य सचेतक और कांग्रेस के दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों एवं अनेक पार्टियों के विधायकों समेत कम से कम नौ दलबदलुओं को जनता ने हार का कड़वा स्वाद चखाया है. यह भी पढ़ें:- झारखंड विधानसभा चुनाव नतीजे 2019: खूंटी-तोरपा में जीती बीजेपी; यहां देखें जेजेएम, कांग्रेस, जेवीएम, AJSU के जीते विधायकों की पूरी लिस्ट.

85 हजार करोड़ के कर्ज में डूबा है झारखंड

झारखंड सरकार पर इस वक्त 85 हजार 234 करोड़ का कर्ज है. 2014 में जब रघुवर दास ने सरकार संभाली थी तब राज्य पर 37 हजार 593 करोड़ का कर्ज था. मगर रघुवर सरकार आने के बाद राज्य का कर्ज और तेजी से बढ़ा. 2014 से पहले 14 वर्षो में आई सरकारों ने जितना कर्ज लिया था, उससे कहीं ज्यादा रघुवर सरकार ने लिया. ऐसे में मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत सोरेन के सामने इस कर्ज को कम करने की चुनौती होगी. राज्य के किसानों पर भी छह हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है. ऐसे में मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों को इस कर्ज से उबारने की भी चुनौती हेमंत सोरेन के सामने रहेगी.

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