जम्मू कश्मीर: राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हुर्रियत और सियासी नेताओं पर साधा निशाना, कहा- आम आदमी को जन्नत का रास्ता दिखाकर मरवा देते हैं
जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'जितने यहां सोसायटी के लीडर्स कहे जाते हैं, धर्म के नेता कहे जाते हैं, मौलवी कहे जाते हैं या हुर्रियत के लोग कहे जाते हैं या मेनस्ट्रीम के लोग कहे जाते हैं. ये दूसरों को कॉल दे के मरवाते हैं. इसमें किसी का बच्चा नहीं मरा, एक का भी बच्चा नहीं मरा है.'
जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने मंगलवार को हुर्रियत (Hurriyat), धार्मिक और मुख्यधारा के नेताओं पर निशाना साधा. राज्यपाल मलिक ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'जितने यहां सोसायटी के लीडर्स कहे जाते हैं, धर्म के नेता कहे जाते हैं, मौलवी कहे जाते हैं या हुर्रियत के लोग कहे जाते हैं या मेनस्ट्रीम के लोग कहे जाते हैं. ये दूसरों को कॉल दे के मरवाते हैं. इसमें किसी का बच्चा नहीं मरा, एक का भी बच्चा नहीं मरा है. किसी का बच्चा आतंकवाद (Terrorism) में नहीं गया है. सब के बच्चे बाहर पढ़ रहे हैं. सब के बच्चे वेल सेटल्ड (Well Settled) हैं. आम आदमी के बच्चों को अल्लाह और जन्नत का रास्ता दिखाइए और उनको मरवा दीजिए. यही यहां होता रहा है.'
उन्होंने कहा, 'मैं कश्मीर की जनता और यहां के नौजवानों से कहना चाहता हूं कि सच को समझने की कोशिश करो. दुनिया का सबसे खूबसूरत हिस्सा आपके पास है. इसको अपने हाथ में लो. हम कहीं उठा के नहीं ले जाएंगे इसको. दिल्ली कहीं नहीं ले जाएगी, दिल्ली ने तो आपके लिए थैली खोल रखी है. आगे बढ़ो, तरक्की करो, उसमें हिस्सेदारी करो.' यह भी पढ़ें- Pok में आतंकी कैंपों को तबाह किए जाने पर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा- अगर पाकिस्तान बाज नहीं आया तो हम अंदर जाएंगे.
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उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करते हुए जम्मू और कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था. उधर, अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के 78वें दिन बाद सोमवार को भी घाटी में मुख्य बाजार बंद रहे व सार्वजनिक वाहन सड़कों से गायब रहे. इससे यहां सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा.