बिहार उपचुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 'अपनों' से परेशान, 21 अक्टूबर को होगा मतदान

बिहार में 21 अक्टूबर को पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में दोनों गठबंधन अपनों से परेशान हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन हो या विपक्षी दलों का महागठबंधन, दोनों ओर बागी अपने-अपने गठबंधन का खेल बिगाड़ने में लगे हुए हैं. सीवान जिले के दरौंदा विधानसभा सीट से राजग के अधिकृत प्रत्यशी जद (यू) के नेता और सीवान की सांसद कविता सिंह के पति अजय सिंह भाग्य आजमा रहे हैं.

नितीश कुमार (Photo credits :ANI/Twitter)

पटना: बिहार में 21 अक्टूबर को पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में दोनों गठबंधन अपनों से परेशान हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) हो या विपक्षी दलों का महागठबंधन, दोनों ओर बागी अपने-अपने गठबंधन का खेल बिगाड़ने में लगे हुए हैं. सीवान जिले के दरौंदा विधानसभा सीट से राजग के अधिकृत प्रत्यशी जद (यू) के नेता और सीवान की सांसद कविता सिंह के पति अजय सिंह भाग्य आजमा रहे हैं, लेकिन भाजपा नेता कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास यहां निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए हैं.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित भाजपा के सभी नेता हालांकि अजय सिंह के पक्ष में चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं, लेकिन कर्णजीत के चुनावी मैदान में उतर जाने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

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इस बीच, हालांकि मतदाताओं में गलत संदेश नहीं जाने को लेकर भाजपा नेतृत्व ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में कर्णजीत को पार्टी से निलंबित कर दिया है. फिर भी कहा जा रहा है कि सिंह भाजपा के नाम पर ही वोट मांग रहे हैं.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल कहते हैं कि भाजपा संगठन और विचारधारा की पार्टी है और भाजपा के सभी नेता व कार्यकर्ता सभी चुनाव क्षेत्रों में राजग प्रत्याशी की जीत के लिए सक्रिय हैं. उन्होंने दावा किया कि राजग के प्रत्याशी सभी सीटों पर विजयी होंगे.

इधर, महागठबंधन के अधिकृत प्रत्याशी भी 'अपनों' से परेशान दिख रहे हैं. महागठबंधन में शामिल दलों में सीटों को लेकर तालमेल नहीं बन सका. भागलपुर के नाथनगर विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने राबिया खातून को चुनावी मैदान में उतारा है, लेकिन महागठबंधन के घटक दलों में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) भी अजय राय के रूप में अपना प्रत्याशी उतारकर महागठबंधन का खेल बिगाड़ने में जुटा है.

इसी तरह, उपचुनाव में सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में भी महागठबंधन में शामिल दो घटक दलों के प्रत्याशी आमने-सामने हैं. महागठबंधन की ओर से राजद ने यहां जफर आलम को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन यहां भी महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने दिनेश यादव को चुनावी मैदान में उतार दिया है. दोनों गठबंधनों के अलावा वामपंथी दलों की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही बनी हुई है.

सीवान जिले की दरौंदा विधानसभा सीट पर भाकपा-माले और भाकपा अपने-अपने प्रत्याशी उतारकर एक-दूसरे के खिलाफ खम ठोंक रहे हैं. इस उपचुनाव में भाकपा ने दरौंदा में भरत सिंह, नाथनगर में सुधीर शर्मा और किशनगंज में फिरोज आलम को अपना उम्मीदवार बनाया है. इन तीनों सीटों को छोड़कर शेष के दो सीटों- सिमरी बख्तियारपुर और बेलहर में उसने राजद के उम्मीदवारों को समर्थन देने का फैसला लिया है. इधर, भाकपा माले ने भी दरौंदा से जयशंकर पंडित को अपना प्रत्याशी बनाया है. सभी सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान और 24 अक्टूबर को मतगणना होनी है.

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