नई दिल्ली: 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी को हराने के लिए कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने कमर कस ली है. महागठबंधन ने प्रधानमंत्री के चेहरे के बिना लोकसभा चुनाव में उतरने की रणनीति बनाई है. सूत्रों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए सपा, बसपा एवं अन्य भाजपा विरोधी दलों के बीच भी 'रणनीतिक समझ बन गई है. उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में 'सही से गठबंधन हो गया तो BJP सत्ता में नहीं लौटने वाली है.
लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करने के सवाल पर सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस फिलहाल दो चरणों में काम कर रही है. पहला चरण सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाकर भाजपा और नरेंद्र मोदी को हराने का है.
दूसरा चरण चुनाव परिणाम का है जिसके बाद दूसरे बिंदुओं पर बात होगी. चुनाव के बाद प्रधानमंत्री उम्मीदवार पर फैसला लिया जाएगा यानी महागठबंधन का पीएम कौन होगा, यह चुनाव नतीजे आने के बाद ही तय होगा.
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने यह भी कहा कि मोदी अगली बार पीएम तभी बनेंगे, जब 230 से 240 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे, लेकिन मुझे भरोसा है कि अगर गठबंधन सटीक बैठता है, तो यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में हमें ज्यादा सीटें मिलेंगी. वहीं, मोदी को गठबंधन के सहयोगी PM नहीं बनने देंगे और बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ेगी.
उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के सवाल पर कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि बातचीत चल रही है, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि गठबंधन को लेकर रणनीतिक सहमति बन गई है.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में सही से गठबंधन हो गया तो भाजपा की 120 सीटें अपने आप कम हो जाएंगी और उत्तर प्रदेश में तो सत्तारूढ़ पार्टी पांच सीटों पर सिमट जाएगी.