PM Modi in Pune: 'हिम्मत है तो वीर सावरकर और बालासाहेब ठाकरे की तारीफ करें', पीएम मोदी ने पुणे में MVA को दी चुनौती (Watch Video)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, मंगलवार को महाराष्ट्र के पुणे में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने अपने भाषण में महायुति सरकार के कार्यों और उपलब्धियों पर चर्चा की.
PM Modi in Pune: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, मंगलवार को महाराष्ट्र के पुणे में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने अपने भाषण में महायुति सरकार के कार्यों और उपलब्धियों पर चर्चा की. प्रधानमंत्री ने जनता का आभार जताते हुए कहा कि उनके लिए जनता का प्यार ही सबसे बड़ा खजाना है. पीएम मोदी ने बताया कि पिछले ढाई वर्षों में महाराष्ट्र में विदेशी निवेश में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है और पुणे क्षेत्र में इसका महत्वपूर्ण हिस्सा निवेशित किया जा रहा है. उन्होंने महायुति सरकार की प्राथमिकता को स्पष्ट करते हुए कहा कि जनता की आकांक्षाएं और सपने उनकी सरकार की प्रेरणा हैं. उनकी जरूरतें सरकार की नीतियों का आधार बनती हैं.
प्रधानमंत्री ने पुणे में 10,500 करोड़ रुपये की लागत से रिंग रोड बनाने के प्रोजेक्ट की जानकारी भी साझा की और पुणे को 21वीं सदी का एक आधुनिक और बेहतर कनेक्टेड शहर बनाने का लक्ष्य बताया.
पीएम मोदी ने पुणे में महाविकास आघाड़ी को दी चुनौती
इसके साथ ही उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना की, विशेषकर महाविकास आघाड़ी की, और कहा कि उन्होंने केवल प्रोजेक्ट्स को रोकने का काम किया. कर्नाटक में कांग्रेस के कार्यों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने वहां झूठे वादे करके सरकार बनाई, लेकिन बाद में जनता से वसूली शुरू कर दी. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के अनुच्छेद 370 के पुनर्स्थापन के प्रस्ताव का विरोध किया और इसे कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला कदम बताया.
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाकर कश्मीर में शांति बहाल की गई है और देश इस प्रस्ताव को कभी स्वीकार नहीं करेगा. मोदी ने मिडिल क्लास की मदद के लिए सरकार की नीतियों का उल्लेख किया, जिसमें रेरा कानून और घरों पर सब्सिडी की योजना शामिल है. इसके अलावा, उन्होंने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का विशेष फंड और युवा रिसर्चर्स के लिए एक रिसर्च फंड की घोषणा की.
प्रधानमंत्री ने महाविकास आघाड़ी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो वे वीर सावरकर और बालासाहेब ठाकरे की प्रशंसा करें.