IANS C-Voter Bihar Opinion Poll Survey: बिहार में सीएम नीतीश कुमार से नाराज, लेकिन सत्ता के लिए एनडीए को ही मिलेंगे वोट-आईएएनएस सीवोटर सर्वे
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) दो तिहाई बहुमत के साथ आरामदायक स्थिति में नजर आ रहा है, जबकि मतदाता नीतीश कुमार से नाराज हैं और आधे से ज्यादा लोग सरकार में बदलाव चाहते हैं. आईएएनएस सीवोटर बिहार ओपीनियन पोल सर्वे से यह जानकारी मिली. यह विरोधाभाष 2020 के बिहार जनादेश को परिभाषित करेगा.
नई दिल्ली , 25 सितम्बर. बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) दो तिहाई बहुमत के साथ आरामदायक स्थिति में नजर आ रहा है, जबकि मतदाता नीतीश कुमार से नाराज हैं और आधे से ज्यादा लोग सरकार में बदलाव चाहते हैं. आईएएनएस सीवोटर बिहार ओपीनियन पोल सर्वे (IANS C-Voter Bihar Opinion Poll Survey) से यह जानकारी मिली. यह विरोधाभाष 2020 के बिहार जनादेश को परिभाषित करेगा. बिहार का एक वर्ग नीतीश कुमार से नाराज है और सरकार में बदलाव चाहता है, लेकिन जैसा कि ओपीनियन पोल में दिख रहा है कि लोग जदयू, भाजपा व अन्य की गठबंधन वाली राजग सरकार को दो तिहाई बहुमत से जिताएंगे.
पोल के अनुसार, बिहार की 243 विधानसभा सीट में से एनडीए को 141-161 सीट मिलने का अनुमान है. वहीं राजद, कांग्रेस व अन्य की गठबंधन वाली यूपीए को 64-84 सीट और अन्य को 13-23 सीट मिलने का अनुमान है. 2015 में, जदयू और भाजपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और जदयू राजद और कांग्रेस के साथ अन्य के महागठबंधन का हिस्सा था. 2017 में, नीतीश ने राजग सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिला लिया था.
एनडीए को 93 सीट पर बढ़त मिलने की संभावना है, जबकि यूपीए को 104 सीटों पर हार का सामना करना पड़ेगा. एनडीए का अनुमानित वोट शेयर 44.8 प्रतिशत है, जबकि यूपीए का वोट शेयर 33.4 प्रतिशत है. एनडीए बिहार के सभी क्षेत्रों में खासकर के पूर्वी बिहार(16), मगध-भोजपुर(41), मिथलांचल(29), उत्तर बिहार(49) और सीमांचल(16) में सीटों के मामले में बढ़त हासिल कर रहा है. यह भी पढ़ें-Bihar Assembly Election 2020: बिहार चुनाव के ऐलान के साथ सीएम नीतीश कुमार ने की लोकलुभावन वादों की बौछार, बोले- लड़कियों को 12वीं पास करने पर 25 हजार और ग्रेजुएशन करने पर मिलेंगे 50 हजार रुपये
सर्वे का सैंपल साइज 25,789 है और यह सर्वे 1 सितंबर से 25 सितंबर के बीच किया गया है. सर्वे सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में किया गया है. राज्य स्तर पर इसका मार्जिन ऑफ एरर प्लस/माइनस तीन प्रतिशत और क्षेत्रीय स्तर पर प्लस/माइनस पांच प्रतिशत है. हालांकि सत्ता विरोधी लहर भी बहुत ज्यादा है, 56.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे नीतीश कुमार सरकार से नाराज हैं और बदलाव चाहते हैं. 29.8 प्रतिशत ने कहा कि वे नाराज हैं लेकिन बदलाव नहीं चाहते। वहीं 13.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे नाराज नहीं हैं.
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओवरऑल परफॉर्मेस की बात करें तो, 45.3 प्रतिशत लोगों ने उनके प्रदर्शन को खराब बताया, 27.2 प्रतिशत ने इसे औसत तो 27.6 प्रतिशत ने इसे अच्छा प्रदर्शन बताया. हालांकि लोग नीतीश कुमार से नाराज हैं, लेकिन वह इसके बावजूद सबसे पंसदीदा मुख्यमंत्री बने हुए हैं। 30.9 प्रतिशत के साथ नीतीश किसी भी मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार से आगे हैं. राजद के तेजस्वी यादव को 15.4 प्रतिशत, तो सुशील कुमार मोदी को 9.2 प्रतिशत लोग मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.
वहीं मुख्यमंत्री की अप्रूवल रेटिंग अच्छी नहीं है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उच्च अप्रूवल रेटिंग हासिल है। 48.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री का प्रदर्शन अच्छा है। वहीं 21.9 प्रतिशत ने उनके प्रदर्शन को औसत और 29.2 प्रतिशत ने इसे खराब बताया.